सीधी जिले के अमिलिया स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में विवाद गहराता जा रहा है। शनिवार को छात्रावास की करीब 50 छात्राएं थाने पहुंच गईं। छात्राएं थाने में ही रोने लगीं। कहा कि वे छात्रावास नहीं जाएंगी।
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छात्राओं ने चेतावनी दी है कि अगर पूर्व वार्डन ज्योत्सना पटेल को वापस नियुक्त किया गया, तो वे आंदोलन करेंगी। गुरुवार को मौजूदा वार्डन उर्मिला पटेल ने अपने दो वर्षीय बेटे के रोने पर छात्रा अंजू को थप्पड़ मार दिया था। इस घटना से छात्रा बेहोश हो गई थी।
इसके बाद प्रशासन ने वार्डन उर्मिला को स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन अब उर्मिला की जगह पूर्व वार्डन ज्योत्सना पटेल की संभावित नियुक्ति से छात्राओं में आक्रोश है। शनिवार शाम करीब 4 बजे छात्रा आसमा बेगम के नेतृत्व में सभी छात्राएं स्कूल ड्रेस में अमिलिया थाने पहुंचीं।
पूर्व वार्डन करती थीं प्रताड़ित
छात्राओं का आरोप है कि ज्योत्सना पटेल पहले वार्डन रहते हुए पाइप और डंडे से छात्राओं की पिटाई करती थीं। वे छात्राओं को मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करती थीं। छात्रा आसमा बेगम ने कहा, “किसी तरह हम उन्हें हटवा सके थे, अब फिर से उनका आना पीड़ादायक होगा।”
छात्राओं ने कहा कि अगर उन्हें फिर से ज्योत्सना पटेल की निगरानी में रहना पड़ा, तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगी। वे छात्रावास भी छोड़ देंगी। अमिलिया थाने के एएसआई पुरुषोत्तम पाठक ने कहा, “यह मामला अब दो गुटों में बंट गया है।
कुछ छात्राएं उर्मिला पटेल को अच्छा मानती हैं, तो कुछ ज्योत्सना पटेल की वापसी से नाराज हैं। हमने सभी छात्राओं को समझाकर वापस भेजा है। यह नियुक्ति का मामला जिला शिक्षा अधिकारी के अधीन आता है, इसलिए हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते।”

इधर ,, जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह ने पहले ही बयान दिया था कि उर्मिला पटेल को छात्रावास से हटा दिया गया है। वहां नई नियुक्ति की जाएगी। छात्राओं का आरोप है कि प्रशासन ने फिर से उसी पुराने डर को लौटा दिया है।
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गौर करने वाली बात यह भी है कि एक ओर तहसीलदार ने मारपीट की पुष्टि करते हुए पंचनामा तैयार किया था