कलेक्टर ऑफिस के बुलावे पर 50 किलो मीटर दूर से इलेक्ट्रिक साइकिल लेने जबलपुर पहुंचे छात्र शुकरण सिंह मरावी को खाली हाथ लौटना पड़ा। उसे बताया गया कि साइकिलों में तकनीकी खामी है, इसलिए अभी नहीं दी जा सकतीं। आपको बाद में आना पड़ेगा। छात्र 90 प्रतिशत दिव्या
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छात्र कुण्डम विकास खंड के मकरार गांव कर रहने वाला है। जिसकी जिला मुख्यालय से 50 किलो मीटर दूरी है। कमजोर आर्थिक स्थित और शारीरिक चुनौती के कारण वह स्कूल जाने में असमर्थ है। छात्र ने 10वीं में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। छात्र को साइकिल के लिए बुलावा आया, तो वह चार दिन पहले ही जबलपुर पहुंच गया पर जब वह तय समय पर जनजातीय कार्य विभाग के ऑफिस पहुंचा, तो साइकिल देने से इंकार कर दिया गया।
साइकिल में तकनीकी खामी
विभाग ने जानकारी दी कि कानपुर से आईं इलेक्ट्रिक साइकिलों में तकनीकी खामी आ गई है, जिसके चलते उनका वितरण फिलहाल रोका गया है। विभाग की वरिष्ठ भौतिक चिकित्सक डॉ. आरती कुर्मी ने शुकरण को आश्वासन दिया है कि उसे रक्षाबंधन से पहले साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी।
शुकरण ने कहा कि
मैं पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहता, लेकिन हर दिन का इंतजार मुझे पीछे धकेल रहा है। अगर समय पर साइकिल नहीं मिली, तो मेरा भविष्य अधर में लटक सकता है।