अफगानिस्तान में शनिवार को आधी रात के बाद रिक्टर स्केल पर 5.5 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 2:33 बजे महसूस किया गया. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 87 किलोमीटर की गहराई में था. इसका केंद्र बिंदु 35.86° उत्तरी अक्षांश और 69.94° पूर्वी देशांतर पर स्थित था. एनसीएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इसको लेकर जानकारी दी. अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भूकंप के झटके राजधानी काबुल समेत कई इलाकों में महसूस किए गए. एनसीएस के अनुसार, बीते एक हफ्ते में अफगानिस्तान में चार बार भूकंप दर्ज किए गए हैं, जिससे क्षेत्र की भूकंपीय सक्रियता पर चिंता जताई जा रही है.
संवेदनशील देश
अफगानिस्तान में इतना भूकंप क्यों?
अफगानिस्तान में पिछले कुछ दिनों में चार बार भूकंप के झटके लग चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि इस देश में अक्सर ही भूकंप के झटके क्यों लगते रहते हैं. रेड क्रॉस की मानें तो अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है. हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहां हर साल भूकंप आते हैं. अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच कई फॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जिसमें एक फॉल्ट लाइन सीधे हेरात से भी गुजरती है.
रूस में 8.8 की तीव्रता वाला भूकंप
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में स्थित कामचाटका प्रायद्वीप के तट के पास गत बुधवार को रिक्टर स्केल पर 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था. इसे आधुनिक इतिहास के 10 सबसे शक्तिशाली भूकंपों में शामिल किया गया है. इससे पहले दुनिया का सबसे तेज भूकंप 2004 में आया था. यह भूकंप करीब 20 किलोमीटर की गहराई में आया और इसके प्रभाव से पेत्रोपावलोस्क-कामचात्स्की शहर में भवनों को नुकसान और कई लोग घायल हो गए. यह शहर भूकंप के केंद्र से सिर्फ 119 किलोमीटर दूर स्थित है. इस भूकंप के बाद रूस, जापान और हवाई में सुनामी की चेतावनी और निकासी अभियान शुरू कर दिए गए. इसके अलावा फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और पेरू तक भी एडवायजरी जारी की गई है.
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