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Indore Child Death: यकीन नहीं होता कि 7वीं में पढ़ने वाले 13 साल का बच्चा ऐसा कदम उठा सकता है. मां के डांटने पर बच्चे ने जो किया, पूरा इलाका हैरान और दुखी है.
हाइलाइट्स
- इंदौर में 13 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर जान दी
- ऑनलाइन गेम की लत में फंसे बच्चे ने मां के डांटने पर कदम उठाया
- परिवार गहरे सदमे में, बच्चे का सपना फुटबॉलर बनने का था
इंदौर/मिथिलेश गुप्ता
इंदौर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. ऑनलाइन गेम की लत में फंसे 13 साल के मासूम ने खुदकुशी कर ली. मामला शहर के अनुराग नगर का है, जहां सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अकलंक जैन ने फांसी लगाकर जान दे दी. अकलंक फ्री फायर समेत कई ऑनलाइन गेम खेला करता था. बीते कुछ महीनों में इंदौर से ऐसे ही 10 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जहां ऑनलाइन गेम की वजह से मासूमों ने अपनी जान गंवाई है.
इंदौर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. ऑनलाइन गेम की लत में फंसे 13 साल के मासूम ने खुदकुशी कर ली. मामला शहर के अनुराग नगर का है, जहां सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अकलंक जैन ने फांसी लगाकर जान दे दी. अकलंक फ्री फायर समेत कई ऑनलाइन गेम खेला करता था. बीते कुछ महीनों में इंदौर से ऐसे ही 10 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जहां ऑनलाइन गेम की वजह से मासूमों ने अपनी जान गंवाई है.
जानकारी के मुताबिक, अकलंक ने गेम का टास्क पूरा करने के लिए मां के डेबिट कार्ड से 3 हजार रुपये ऑनलाइन खर्च कर दिए. जब खाते से पैसे कटने का मैसेज आया, तो मां ने उसे डांटा और समझाया कि गेम पर पैसे बर्बाद करना गलत है. इसी बात से नाराज होकर अकलंक अपने कमरे में चला गया. थोड़ी देर बाद छोटा भाई अविकल कमरे में पहुंचा, तो उसने अकलंक को फांसी के फंदे पर लटका देखा और चीखते हुए बाहर भागा.
फुटबॉलर बनना चाहता था…
परिजन अकलंक को तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने कुछ ही घंटों में उसे मृत घोषित कर दिया. अकलंक के पिता अंकेश जैन ऑटो पार्ट्स के बड़े कारोबारी हैं. महज दो दिन पहले, 30 जुलाई को अकलंक का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया था. परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है. अकलंक का सपना था कि वह फुटबॉलर बने और देश के लिए मेडल जीते.
परिजन अकलंक को तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने कुछ ही घंटों में उसे मृत घोषित कर दिया. अकलंक के पिता अंकेश जैन ऑटो पार्ट्स के बड़े कारोबारी हैं. महज दो दिन पहले, 30 जुलाई को अकलंक का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया था. परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है. अकलंक का सपना था कि वह फुटबॉलर बने और देश के लिए मेडल जीते.
कैसे रुकेगा ये सिलसिला?
मासूम की असमय मौत ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर ऑनलाइन गेमिंग की लत पर कैसे रोक लगाई जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दर्द न झेलना पड़े. इस लत के कारण छोटी उम्र में बच्चे एग्रसिव हो रहे हैं. मना करने पर आत्मघाती कदम उठा रहे हैं. अभिभावकों में इस घटना को लेकर चिंता है.
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