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फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में मामा की चांट पापड़ी का स्वाद लोगों की जुबां पर चढ़ा रहता है. प्रेमचंद उर्फ मामा ने 3 रुपये प्लेट से शुरुआत की थी, अब 25 रुपये में बिकती है. जानें इसकी खासियत…
हाइलाइट्स
- मामा की चांट पापड़ी 20 साल से मशहूर है.
- शुद्ध घरेलू मसालों से तैयार होती है चांट.
- अब 25 रुपये प्रति प्लेट में बिकती है चांट.
खास मसालों से होती है तैयार
फिरोजाबाद के स्टेशन रोड स्थित ए.के. इंटर कॉलेज के सामने पिछले बीस सालों से मामा की चांट पापड़ी का ठेला लग रहा है. प्रेमचंद, जिन्हें लोग मामा के नाम से जानते हैं, ने बताया कि उन्होंने इसकी शुरुआत फेरी लगाकर की थी. पहले वे शिकोहाबाद की गलियों और मोहल्लों में घूम-घूमकर चांट पापड़ी बेचते थे. उनकी खासियत यह है कि वह चांट पापड़ी को शुद्ध घरेलू मसालों से तैयार करते हैं. इसमें घर पर बने पापड़, उबले आलू और घर के पिसे हुए मसाले मिलाए जाते हैं. यही वजह है कि इस चांट पापड़ी का स्वाद लोगों को कुछ अलग और खास लगता है.
3 रुपए प्लेट से की शुरुआत
शिकोहाबाद में पापड़ चांट बेचने वाले प्रेमचंद उर्फ मामा ने बताया कि उन्होंने इस खास चांट की शुरुआत महज 3 रुपये प्रति प्लेट से की थी. शुरुआती दिनों में वे मोहल्लों में घूम-घूमकर इसे बेचा करते थे. बाद में उन्होंने स्टेशन रोड स्थित ए.के. इंटर कॉलेज के सामने अपना ठेला लगाया, जहां से उनकी चांट पापड़ी धीरे-धीरे मशहूर होती गई. आज यह चांट 25 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से बिक रही है, लेकिन स्वाद वही पुराना है. जो भी एक बार इस चांट का स्वाद चखता है, वह बार-बार लौटकर आता है.
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