अनलजीत सिंह मैक्स ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन हैं. यह एक बड़ा भारतीय बिजनेस ग्रुप है, जो लाइफ इंश्योरेंस (मैक्स लाइफ), रियल एस्टेट (मैक्स एस्टेट्स) और बुजुर्गों की देखभाल के लिए अंतरा सीनियर केयर चलाता है. फोर्ब्स के मुताबिक अनलजीत की नेट वर्थ 1.1 बिलियन डॉलर (रुपयों में 9 हजार 624 करोड़) है. अनलजीत सिंह ने दून स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की है. उन्होंने बोस्टन यूनिवर्सिटी से MBA किया है. इसके अलावा उन्हें एमिटी यूनिवर्सिटी ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी दी है.
लौटते हैं दिल्ली के ओखला स्थित पुरानी फैक्ट्री पर. यह फैक्ट्री रनबैक्सी के संस्थापक भाई मोहन सिंह के सबसे छोटे बेटे अनलजीत को विरासत में मिली थी. लेकिन किस्मत ने जल्द ही करवट ली. परिवार में बंटवारे के चलते चार साल के भीतर ही सबकुछ उनसे छिन गया.
मैक्स इंडिया और हचिसन एशिया
1985 में मैक्स इंडिया की नींव रखी गई. एल्फ एटोकेम और गिस्ट-ब्रोकैड्स जैसी बड़ी विदेशी कंपनियों से उन्होंने हाथ मिलाया. तकनीक भी मिली और पैसा भी. लेकिन तभी 1990 में खाड़ी युद्ध छिड़ गया. दवाओं की मांग गिर गई, दाम अस्थिर हो गए. यहां तक कि रनबैक्सी ने भी प्रोडक्शन रोक दिया. अनलजीत को सही वक्त का इंतजार था.
2012 में झूलने लगे झंडे
2012 तक आते-आते मैक्स न्यूयॉर्क लाइफ ने 12 फीसदी मार्केट शेयर के साथ इंश्योरेंस मार्केट में झंडा गाड़ दिया. हॉस्पिटल ब्रांड भी अब मैक्स हेल्थकेयर से बदलकर मैक्स हॉस्पिटल्स बन चुका था. लेकिन एक चीज अनलजीत को अच्छे से समझ आ चुकी थी, और वह था स्ट्रक्चर. 2012 में उन्होंने न्यूयॉर्क लाइफ का 26 फीसदी हिस्सा 2,731 करोड़ रुपये में मित्सुई सुमिटोमो को बेच दिया. अब यह बन गया ऐक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस.
आज, मैक्स ग्रुप 30,000 करोड़ रुपये का विशाल साम्राज्य है. तीन कंपनियां पब्लिकली लिस्टेड हैं- मैक्स इंडिया (Antara), मैक्स इंश्योरेंस, और मैक्स एसेट (रियल एस्टेट). इस साम्राज्य में 20 से अधिक हॉस्पिटल और 30,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं.
2008 में जब सबकुछ खो गया था, तब भी उन्होंने मैक्स इंडिया फाउंडेशन की शुरुआत की थी. और आज इस फाउंडेशन ने 34 लाख से अधिक गरीबों का मुफ्त इलाज किया है. कभी सबकुछ छिन गया था, लेकिन आज हजारों जिंदगियां उनकी वजह से जी रही हैं. 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है.
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