क्या बारिश आने पर बदल जाते हैं टेस्ट क्रिकेट के रूल? कैसे होता है विजेता का फैसला

भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज का पांचवां टेस्ट द ओवल मैदान में खेला जा रहा है. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया था. अभी पहले दिन का पहला सेशन भी समाप्त नहीं हुआ था कि झमाझम बारिश ने खेल रोक दिया. यह मैच टीम इंडिया की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मैच के ड्रॉ रहने पर भी भारत यह सीरीज 1-2 से हार जाएगा. चूंकि ओवल टेस्ट में अगले दिनों भी बारिश आने की संभावना है, इसलिए आइए जान लेते हैं कि क्या बारिश आने पर टेस्ट क्रिकेट के नियम बदल जाते हैं?

क्या बदल जाते हैं नियम?

व्हाइट बॉल मैचों में जब बारिश आती है, तो ओवरों में कटौती करके डकवर्थ लुईस नियम (DLS Rule) के जरिए नया टारगेट सेट कर दिया जाता है, लेकिन टेस्ट मैचों में DLS रूल लागू नहीं किया जाता है. टेस्ट मैचों में बारिश आने पर नियमों में बदलाव नहीं किया जाता है, लेकिन बारिश मैच का शेड्यूल और परिणाम पर गहरा असर डाल सकती है.

बारिश आने पर दिन में फेंके जाने वाले ओवरों की संख्या में कटौती कर दी जाती है. टेस्ट मैच में एक दिन में तीन सेशन होते हैं, लेकिन बारिश आने की स्थिति में सेशन की टाइमिंग में बदलाव होना संभव है. उदाहरण के तौर पर यदि लंच या टी से ठीक पहले बारिश आ जाती है, तो बारिश आने पर ही लंच की घोषणा कर दी जाती है.

कैसे होता है विजेता का फैसला?

आमतौर पर ज्यादा बारिश आने पर टेस्ट मैच का परिणाम ड्रॉ के रूप में निकल कर आता है. मगर साल 2000 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड ने क्रिकेट के खेल में नए मानक तय कर दिए थे. मैच में अधिकांश समय बारिश होती रही, ऐसे में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड ने अपनी-अपनी पारी 0 रन पर घोषित कर दी थी. हालांकि ऐसा करना पूरी तरह टीम मैनेजमेंट पर निर्भर करता है.

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