घर में प्लास्टर करवाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना गिर सकती है छत, एक्सपर्ट से जानें सही तरीका

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House Construction Tips: नोएडा के केंद्रीय विद्यालय में प्लास्टर गिरने से छात्र घायल हुआ. प्लास्टर के लिए सही मटेरियल, अनुपात और अनुभवी मिस्त्री जरूरी हैं. तराई भी महत्वपूर्ण है, वरना प्लास्टर जल्दी टूट सकता ह…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • सही मटेरियल का इस्तेमाल जरूरी है, घटिया क्वालिटी से प्लास्टर नहीं टिकता.
  • सीमेंट और रेत का सही अनुपात दीवारों के लिए 1:6 और छत के लिए 1:4 होना चाहिए.
  • अनुभवी और भरोसेमंद मिस्त्री को ही चुनें, सस्ते के चक्कर में न पड़ें.
House Construction Tips: जब भी हम अपने घर में छत या दीवारों का प्लास्टर करवाते हैं, तो अक्सर सोचते हैं कि बस सीमेंट और रेत मिल जाए, काम हो जाएगा. लेकिन असलियत में अगर थोड़ी-सी भी लापरवाही बरती गई, तो प्लास्टर कुछ ही महीनों में टूटने या गिरने लगता है. इससे न सिर्फ पैसे का नुकसान होता है, बल्कि परिवार की सुरक्षा पर भी खतरा बन जाता है. खासतौर पर हाल ही में कई स्कूल और घरों में प्लास्टर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें से एक घटना नोएडा के सेक्टर 24 स्थित केंद्रीय विद्यालय के क्लासरूम की छत का प्लास्टर गिरने से एक छात्र घायल हो गया. जिससे ये सवाल और भी अहम हो जाता है कि आखिर घर में प्लास्टर करवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

सही मटेरियल का इस्तेमाल सबसे जरूरी है


 राम बाबु ने बताया कि प्लास्टर  बेसिक मटेरियल होता है. सीमेंट और रेत अगर इनमें से कोई भी घटिया क्वालिटी का हुआ, तो प्लास्टर टिकेगा ही नहीं. सीमेंट अच्छी कंपनी का और ताजा होना चाहिए. पुराना या नमी खाया  सीमेंट खराब होता है. रेत साफ, सूखी और बिना मिट्टी वाली होनी चाहिए. गंदे रेत से सीमेंट अच्छे से नहीं चिपकता और प्लास्टर जल्दी टूट सकता है.

सीमेंट और रेत का सही अनुपात (Ratio)
कई लोग ये बात नज़रअंदाज कर देते हैं, लेकिन सीमेंट और रेत का अनुपात ठीक न हो तो प्लास्टर बहुत कमजोर हो जाता है.आमतौर पर दीवारों के लिए 1:6 और छत के लिए 1:4 का अनुपात ठीक माना जाता है. ठेकेदार से ये जरूर पूछें कि कौन-सा रेशियो इस्तेमाल कर रहे हैं.

अनुभवी और भरोसेमंद मिस्त्री को ही चुने

कई बार हम सस्ते के चक्कर में ऐसे मिस्त्री लगा लेते हैं, जिनके पास अनुभव नहीं होता. प्लास्टर करना एक टेक्निकल काम है. सतह को बराबर करना, कोनों को मजबूत बनाना, सीलन से बचाना. राम बाबु कहते हैं कि एक अनुभवी मिस्त्री इन सभी बातों का ध्यान रखता है. इसलिए हमेशा अनुभवी कारीगर को ही काम दें, भले थोड़े पैसे ज़्यादा लगें.

तराई है जरूरी
प्लास्टर सूखने के बाद 7 से 10 दिन तक उसे लगतार अच्छे से तराई करना चाहिए, भिगोना चाहिए. इससे प्लास्टर मजबूत होता है और लंबे समय तक टिका रहता है.कई लोग इस स्टेप को छोड़ देते हैं और बाद में प्लास्टर टूटने की शिकायत करते हैं.

Lalit Bhatt

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. साल 2023 में News18 हिंदी से जुड़े. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क में …और पढ़ें

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. साल 2023 में News18 हिंदी से जुड़े. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क में … और पढ़ें

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घर में प्लास्टर करवाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना गिर सकती है छत

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