बारिश के मौसम में बढ़ जाता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, इनसे कैसे करें बचाव, डॉक्टर्स से जानें

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Hepatitis in Monsoon: मानसून में दूषित पानी और कंटामिनेटेड खाने के कारण हेपेटाइटिस A और E के मामले बढ़ जाते हैं. डॉक्टर्स के अनुसार बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका खतरा अधिक होता …और पढ़ें

बारिश में हेपेटाइटिस A का कहर बढ़ जाता है.

हाइलाइट्स

  • मानसून में हेपेटाइटिस A और E के मामले बढ़ जाते हैं.
  • दूषित पानी और असुरक्षित भोजन से हेपेटाइटिस फैलता है.
  • स्वच्छ जल, सही खाना और वैक्सीनेशन से बचाव संभव है.
Hepatitis A and E Cases in Monsoon: बरसात के मौसम में हेपेटाइटिस A और हेपेटाइटिस E के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इस मौसम में हेपेटाइटिस केसेस में करीब 30 से 40% तक ज्यादा देखने को मिलते हैं. गंदा पानी और खाने में कंटामिनेशन होने से इन परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर स्ट्रीट फूड्स पर बिकने वाली चीजें इन संक्रमण का मुख्य कारण बन सकती हैं. हेपेटाइटिस A बच्चों में ज्यादा कॉमन है, वहीं हेपेटाइटिस E वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. आज डॉक्टर्स से इससे बचने के तरीके जान लेते हैं.

नई दिल्ली के फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. संचयन रॉय ने बताया कि हेपेटाइटिस एक गंभीर और अक्सर नजरअंदाज़ृ की जाने वाली बीमारी है. इसे सही मायनों में साइलेंट किलर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह वायरस लिवर में सूजन पैदा करता है और अगर समय रहते इलाज न हो, तो यह लिवर सिरोसिस और आगे चलकर लिवर कैंसर जैसी जानलेवा स्थिति का कारण बन सकता है, हर साल लाखों लोग सिर्फ इसलिए अपनी जान गंवा बैठते हैं, क्योंकि इसका पता बहुत देर से चलता है. मानसून के मौसम में हेपेटाइटिस A और E के मामलों में अचानक बढ़ोतरी होती है, क्योंकि ये दूषित पानी और असुरक्षित भोजन से फैलते हैं. स्ट्रीट फूड और दूषित पानी इसके सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स हैं.

डॉ. संचयन रॉय ने बताया कि हेपेटाइटिस A और E वायरस फेकल-ओरल मार्ग से फैलते हैं. इसके शुरुआती लक्षण में थकान, भूख न लगना, हल्का बुखार, नाक बहना, उल्टी, पीलिया जैसी समस्याएं सामने आती हैं. गंभीर मामलों में इसे फुलमिनेंट हेपेटाइटिस भी कहा जाता है, जिसमें लिवर अचानक काम करना बंद कर देता है. मानसून में हेपेटाइटिस A और E से बचाव संभव है. स्वच्छ जल, सही खाना, नियमित हाथ धोना जरूरी है. हेपेटाइटिस A से बचने के लिए वैक्सीनेशन करवाना जरूरी होता है. समय पर जांच और उचित उपचार से लिवर को गंभीर क्षति से बचाया जा सकता है.

नोएडा के मैश मानस हॉस्पिटल के लेप्रोस्कोपिक जीआई एंड जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. आदर्श कुमार चौहान के अनुसार नोएडा में हाल के वर्षों में हेपेटाइटिस ए और ई के मामलों में खासा इजाफा देखा गया है. यह संक्रमण अक्सर गंदे पानी और असुरक्षित भोजन के जरिए फैलता है. हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी खून और शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है. हेपेटाइटिस ए अक्सर कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन हेपेटाइटिस सी का इलाज अब आधुनिक एंटीवायरल दवाओं से संभव है. हेपेटाइटिस बी को भी कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह ठीक करना हमेशा संभव नहीं होता है.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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बारिश के मौसम में बढ़ जाता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, इनसे कैसे करें बचाव

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