पेशाब में जलन या रुकावट? हो सकता है प्रोस्टेट का इशारा, जानिए एक्सपर्ट की सलाह

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जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, पुरुषों में कुछ स्वास्थ्य समस्याएं आम होती जाती हैं, जिनमें से एक है प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारी. यह एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है, अगर समय रहते इसके लक्षणों को न पहच…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • प्रोस्टेट समस्याओं में BPH, प्रोस्टेटाइटिस और कैंसर शामिल हैं.
  • प्रोस्टेट लक्षणों में बार-बार पेशाब आना और जलन शामिल हैं.
  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से प्रोस्टेट समस्याओं से बचें.
मऊ. प्रोस्टेट बीमारी पुरुषों में पाई जाने वाली एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जो उम्र बढ़ने के साथ बढ़ने की संभावना रखती है. यह बीमारी मुख्यतः प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन, संक्रमण या कैंसर के रूप में सामने आती है. प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि होती है जो मूत्राशय के नीचे स्थित होती है और पुरुषों के प्रजनन तंत्र का हिस्सा होती है. यह वीर्य (सीमन) में तरल प्रदान करती है जो शुक्राणुओं को पोषण देती है. डॉ. धर्म सिंह बताते हैं कि प्रोस्टेट से जुड़ी तीन प्रमुख समस्याएं होती हैं, जिसमें मुख्य रूप से बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) — यह प्रोस्टेट ग्रंथि का सामान्य रूप से बढ़ जाना है जो बुजुर्ग पुरुषों में आम है.

जानें बड़ा फर्क
1) प्रोस्टेटाइटिस – प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन या संक्रमण होता है. यह किसी भी उम्र में हो सकता है.
2) प्रोस्टेट कैंसर – यह पुरुषों में होने वाला एक सामान्य प्रकार का कैंसर है, जो गंभीर स्थिति ले सकता है.

जानें इस बीमारी के लक्षण
यदि इस बीमारी की पहचान करना चाहते हैं, तो इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं:
1) बार-बार पेशाब आना.
2) पेशाब करते समय जलन या दर्द होना.
3) पेशाब के बाद भी अधूरा महसूस होना.
4) रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना.
5) कभी-कभी वीर्य में खून आना.
ये सभी लक्षण प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं की ओर संकेत कर सकते हैं.

ऐसे करें बचाव
यदि आप इस बीमारी के शिकार हो गए हैं, तो इससे बचने और इसे नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में सुधार अत्यंत आवश्यक है:
1) संतुलित आहार लें – अपनी डाइट में फाइबर, फल, हरी सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज शामिल करें.
2) नियमित व्यायाम करें – रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करना प्रोस्टेट ग्रंथि की कार्यक्षमता को बेहतर बनाए रखता है.
3) धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें – ये आदतें प्रोस्टेट की समस्याओं को और बढ़ा सकती हैं.
4) नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं – विशेषकर यदि आप 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं तो हर साल (PSA टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम) ज़रूर कराएं.
5) तनाव से बचें – तनाव शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है, और प्रोस्टेट भी इससे अछूता नहीं रहता.
यदि समय रहते लक्षणों को पहचान लिया जाए और उचित इलाज शुरू किया जाए, तो यह बीमारी जानलेवा नहीं बनती. ध्यान रखें, प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ने पर गंभीर रूप ले सकती हैं, इसलिए समय-समय पर जांच कराते रहें और डॉक्टर की सलाह से इलाज करवाते रहें.

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