क्या होता है कोरोनरी कैल्शियम स्कैन जो हार्ट अटैक से बचा सकता है जीवन, सालों पहले लगता है पता, डॉक्टर से जानें

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Test for Heart Attack: जब किसी से हार्ट अटैक आता है या कार्डिएक अरेस्ट आता है, उससे सालों पहले से इसकी कहानी दिल में शुरू हो जाती है. हालांकि उपर से इसका पता नहीं चलता है लेकिन अगर एक जांच करा ली जाए तो सालों प…और पढ़ें

कोरोनरी कैल्शियम स्कैन.

हाइलाइट्स

  • कोरोनरी कैल्शियम स्कैन दिल की धमनियों में कैल्शियम का पता लगाता है.
  • CAC स्कैन से हार्ट अटैक का खतरा महीनों पहले पता चल सकता है.
  • कैल्शियम स्कोर से दिल की सेहत और जोखिम का आकलन होता है.
Test for Heart Attack : कार्डिएक अरेस्ट का मतलब है कि हार्ट में इलेक्ट्रिक सप्लाई का बंद होना. जब कहीं बिजली चली जाती है तब क्या हाल होता है आप समझ सकते हैं. इसी तरह जब भी कार्डिएक अरेस्ट की बात मन में आता है तब अचानक सीने में तेज दर्द, बेहोशी और अस्पताल की दृश्य में दिमाग में नाचने लगता है. लेकिन हार्ट अटैक या कार्डिएक अटैक ऐसी घटना है जिसकी कहानी दिल में सालों या महीनों पहले शुरू हो जाती है. इसलिए यदि किसी को हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आता है तो यह मत समझिए कि वह अचानक हुआ है. यह बीमारी महीनों से सीने में पल रही होती है. पर मुश्किल यह है कि व्यक्ति को उपर से इसका पता नहीं चलता. फिर क्या तरीका है इसका पता लगाने का. दरअसल, एक जांच होती है कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम (CAC) स्कैन. इस जांच से महीनों पहले पता लग सकता है कि किसी व्यक्ति में आने वाले समय में हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है.

क्या होता है कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम स्कैन
दरअसल, हार्ट में शरीर के सारे खून की पंपिंग होती है. यहां से ऑक्सीजन के साथ शुद्ध खून शरीर के कतरे-कतरे में पहुंचता है. लेकिन खून जिस रास्ते हार्ट में पहुंचता है उसे आर्टरीज या महाधमनी कहा जाता है. यह आर्टरी जब सिकुड़ने लगता है तो हार्ट में खून कम पहुंचता है या आर्टरी जब एकदम बंद हो जाता है तो हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आता है. आर्टरीज के सिकुड़ने या बंद होने के कई कारण होते हैं. अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा बनता है तो यह धीरे-धीरे काफी समय लेकर इसकी दीवार में चिपकने लगता है. इसके अलावा शरीर का कैल्शियम भी इसमें योगदान देता है. कैल्शियम धीरे-धीरे ब्लड वैसल्स और आर्टरीज में चिपकता जाता है. यही कैल्शियम दिल की धमनियों में प्लाक बनाने लगता है. इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है. यह शुरुआती संकेत है जो अंततः कार्डियक अरेस्ट की ओर ले जा सकते हैं. आपकी धमनियों में कैल्शियम का जमाव हो रहा है या नहीं, इसी के लिए आर्टरी कैल्शियम स्कैन है. यह एक तरह का सीटी स्कैन है जो यह पता लगाता है कि दिल के आसपास जो आर्टरीज और ब्लड वैसल्स है उसमें कैल्शियम की कितनी परत बन चुकी है. इसमें स्कोर के हिसाब से मापा जाता है. यह आपके दिल की सेहत के बारे में बहुत कुछ बताता है और यह भी संकेत देता है कि क्या आपको संभावित चेतावनियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
स्कैन का कम होता है इस्तेमाल
इंडिया टूडे की खबर में लीलावती अस्पताल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश नारंग कहते हैं कि कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम स्कैन दिल की बात जानने का बेहतरीन स्कैन है. इसमें न तो चीर-फाड़ की जरूरत होती है या खून निकालने की. हालांकि हैरानी की बात है कि इतना उपयोगी होने के बावजूद कम इस्तेमाल होने वाला परीक्षण है, जबकि यह जीवन बचाने वाली महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है. डॉ. नारंग ने कहा कि पारंपरिक ब्लड टेस्ट और स्ट्रेस टेस्ट उपयोगी होते हैं, लेकिन ये वास्तव में बीमारी को सटीक से नहीं दिखाते. सीएसी स्कैनिंग दिल में हर तरह की सूक्ष्म परेशानी को बता देती है. यह कुछ चुनिंदा तरीकों में से एक है जो दिल के दौरे के उस जोखिम को पहचान सकता है जो आमतौर पर अदृश्य होता है.
स्कोर से पता चलता है कितना खतरा
यह टेस्ट आपको एक कैल्शियम स्कोर देता है जो आपके दिल की सेहत के बारे में बहुत कुछ बताता है और यह भी संकेत देता है कि क्या आपको संभावित चेतावनियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है. अगर स्कोर 0 आता है तो इसका मतलब है कि धमनियों में बिल्कुल भी प्लाक नहीं है. यानी आप पूरी तरह सुरक्षित हैं. दिल की कोई दिखाई देने वाली बीमारी नहीं है. इसी तरह अगर कैल्शियम स्कोर 1 से 100 के बीच है तो इसे माइल्ड प्लाक कहा जाता है जो बताता है कि कुछ जमाव है. हालांकि इसमें आमतौर पर इसे जीवनशैली में बदलाव करके नियंत्रित किया जा सकता है. अगर स्कैन में स्कोर 101 से 400 के बीच आता है तो यह मॉडरेट प्लाक होता है. इसका मतलब है कि अब सतर्क होकर कदम उठाने का समय है. ऐसे मरीजों के लिए स्टैटिन जैसी दवाएं दी जा सकती है. अगर स्कोर 401 से अधिक आता है तो इसे एक्सटेंसिव प्लाक कहा जाता है. इसका सीधा मतलब है कि आप हाई रिस्क में हैं और ऐसे मरीजों के लिए तुरंत कार्रवाई करना अनिवार्य हो जाता है.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें

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