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बरसात में एलर्जी से बचने के लिए आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे नीम, नारियल तेल, कपूर, सेब का सिरका, एलोवेरा, हल्दी, तुलसी, लेमन ग्रास और शहद से तैयार होने वाले कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताया है जिससे आपको काफी फायदा होगा.
बरसात का मौसम आते ही ज्यादातर लोगों को तरह-तरह की एलर्जी की समस्या सताने लगती है. ये एलर्जी कभी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों से होती है, तो कभी दही और बैंगन जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से उत्पन्न होने लगती है. इतना ही नहीं, कुछ लोगों को बारिश में भींगने से भी सर्दी बुखार जैसी समस्या घेर लेती हैं. जानकारों की मानें तो, आप इन सभी समस्याओं का समाधान आयुर्वेद पर आधारित घरेलू नुस्खों को अपनाकर कर सकते हैं.

चार दशक से कार्यरत बेतिया के आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि मॉनसून में यदि आपको खुजली, घमौरियां, दाने और पिंपल्स जैसी समस्याएं घेर रही हैं, तो बिना परेशान हुए नीम की पत्तियों को पीसकर लेप बना लें और प्रभावित जगह पर लगाएं, या फिर पत्तियां उबालकर उस पानी से रोजाना स्नान करें. इससे स्किन एलर्जी की समस्या कम होगी.

त्वचा पर होने वाले रैशेज, खुजली और महीन दानों से निजात पाने के लिए आप नारियल तेल और कपूर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इन दोनों चीजों के मिश्रण को अच्छी तरह से फेंटकर कंटेनर में स्टोर कर लें और रोजाना प्रभावित त्वचा पर लगाएं. इससे स्किन एलर्जी की समस्या में काफी आराम मिलेगा.

इसके अलावा आप सेब का सिरका, एलोवेरा और हल्दी का भी उपयोग कर सकते हैं. इनका प्रयोग त्वचा के संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होता है. सेब के सिरके को पानी में मिलाएं और उसमें रुई डुबोकर प्रभावित जगह पर लगाएं. इससे त्वचा पर होने वाली खुजली और फंगल फैलाने वाले बैक्टीरिया कम होते हैं. हालांकि, ये काफी हार्ड होता है, इसलिए ध्यान रखें कि अगर एलर्जी लग रही है तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें. हल्दी और एलोवेरा को आप खुद से भी लगा सकते हैं.

वायरल से बचने और सेहत को दुरुस्त रखने के लिए आप तुलसी और लेमन ग्रास से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि तुलसी एक प्राकृतिक एंटी-एलर्जिक हर्ब है, जो मौसमी एलर्जी से लड़ने में कारगर होती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले में खराश, बदन दर्द, नाक की सूजन और किसी भी प्रकार के वायरल से आपकी रक्षा करते हैं. भींगने के बाद यदि आप इसका सेवन करते हैं, तो सर्दी-खांसी जैसी समस्या उत्पन्न नहीं होगी.

शहद में एंटी-एलर्जिक गुण होता है, जो एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है. बरसात में यदि इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए तो सर्दी, खांसी जैसे वायरल से बचाव की संभावना प्रबल हो जाती है. इसके साथ ही हर्बल टी, नींबू पानी और हल्दी, अदरक, दाल चीनी, काली मिर्च जैसे मसलों के सेवन से भी मौसमी एलर्जी और मौसमी बीमारियों की संभावना कम होती है.