350 रुपये की मंथली सैलरी, 1 रुपये का खाना खाकर क‍िया गुजारा, अब बेटे की फ‍िल्‍म ने कमाए 800 करोड़ रुपये

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एक समय था जब इस शख्‍स ने 350 रुपये की मासिक सैलरी पर काम क‍िया. ट्रेन और बस से ऑफ‍िस पहुंचने के बाद खाने के ल‍िए स‍िर्फ 1 रुपये ही बचता था और उसने उसी में काम चलाया. लेक‍िन आज बेटे की एक ही फ‍िल्‍म ने 800 रुपये कमा ल‍िए हैं.

बॉलीवुड के सबसे सम्मानित एक्शन डायरेक्टर्स में से एक बनने से पहले, शाम कौशल ने ऐसी कठिनाइयों का सामना किया था जिसे एक फिल्म स्टार के पिता से जोड़ना मुश्किल है. साल 1978 में मुंबई आने पर उनके पास केवल ₹3,000 थे, जो उनके पिता ने उधार लिए थे. कौशल का एक ही लक्ष्य था: इस कर्ज को चुकाना है. पंजाब में इंग्‍ल‍िश ल‍िटरेचर में एमए पूरा करने के बाद, वह लेक्चरर बनना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनके सपने अधूरे रह गए.

हाल ही में अमन औजला के साथ एक पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि मुंबई में उन्हें ₹350 प्रति माह की सैलरी पर सेल्समैन की नौकरी मिली. उनका रोज का रूटीन दो बसें और एक ट्रेन लेकर चेंबूर में ऑफिस पहुंचने का था, जिससे उनके पास लंच और डिनर के लिए केवल ₹1 बचता था. कौशल अक्सर मिसल पाव और बटाटा वड़ा खाते थे, जिनकी कीमत कुछ पैसे होती थी. सिगरेट उनके बजट से बाहर थी; उन्होंने 10 पैसे की बीड़ी से काम चलाया.

जब वह एक चॉल के लिए जमा राशि नहीं जुटा पाए, तो उन्होंने अपने ऑफिस में रहना शुरू कर दिया और रोजाना अपने दोस्त के घर घाटकोपर जाकर कपड़े बदलते थे. उनके पास केवल दो पैंट और तीन शर्ट थीं. एक साल बाद, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया, जो उनके जीवन का अहम मोड़ साबित हुआ. कम आत्मविश्वास और खराब कम्‍युन‍िकेशन स्‍क‍िल के साथ, उन्होंने दो निर्णय लिए: कभी नौकरी नहीं करेंगे और कभी मुंबई नहीं छोड़ेंगे.

संयोग से हुई फिल्मों में एंट्री: Kaushal का रास्ता तब बदला जब उन्होंने कुछ पंजाबी दोस्तों से दोस्ती की जो स्टंटमैन के रूप में काम कर रहे थे. उन्होंने Kaushal को 1980 में स्टंटमैन एसोसिएशन में शामिल होने के लिए कहा. 1,000 रुपये की मेम्‍बरश‍िप फीस थी. कई दोस्तों की मदद से इसे जुटाई गई. इस तरह फिल्म इंडस्ट्री में पहली बार उनकी एंट्री हुई.

जल्द ही, उनकी मुलाकात मशहूर एक्शन डायरेक्टर Veeru Devgan से हुई. Veeru ने Kaushal की क्षमता को पहचाना और अनौपचारिक रूप से उन्हें काम पर रखा. कौशल ने वीरू की मदद की, बैग उठाने से लेकर चाय लाने तक सब कुछ किया. समय के साथ, वीरू ने उन्हें फाइट सीक्वेंस में शामिल किया, जिससे उन्हें कमाई शुरू हुई. बाद में, कौशल ने पप्‍पू वर्मा के साथ स्टंट निर्देशन के बारे में और सीखने के लिए काम किया, हालांकि उस समय उन्हें कोई भुगतान नहीं मिला.

साल 1983 के आसपास उन्होंने नियमित रूप से काम करना शुरू किया, स्टंट करने और अभिनेताओं के लिए डबलिंग करने लगे. उनका बड़ा ब्रेक Sunny Deol की फिल्म Betaab से आया, जहां उनके परफॉर्मेंस के लिए उन्हें 500 रुपये मिले, जो सामान्य भुगतान का पांच गुना था. यह एक स्थिर करियर की शुरुआत थी जो 1990 के दशक में चरम पर पहुंचा.

कैंसर से जंग : सालों बाद, जब लद्दाख में ‘लक्ष्य’ की शूटिंग कर रहे थे, तो कौशल को पेट में तेज दर्द हुआ. एक आर्मी अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें गंभीर स्थिति बताई, जिससे वे इतने परेशान हो गए कि उन्होंने अपनी जान लेने के बारे में सोच ल‍िया. उन्‍हें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो गई. कौशल ने अपने कैंसर के इलाज को निजी रखा, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे उनके करियर पर असर पड़ेगा. उन्होंने प्रार्थना की, बस दस साल और मांगे ताकि वे अपने छोटे बच्चों को बड़ा कर सकें. आख‍िरकार, उन्होंने कई सर्जरी करवाईं और कैंसर नहीं फैला. अब बीस साल से भी अधिक समय हो गया.

आज, शाम कौशल दो बॉलीवुड अभिनेताओं, विक्की कौशल और सनी कौशल के पिता हैं और उनकी बहू कोई और नहीं बल्कि कैटरीना कैफ हैं, जिन्होंने 2021 में विक्की से शादी की. विक्की ने बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल की है. उनकी हालिया फिल्म ‘छावा’ ने Sacnilk के अनुसार, दुनिया भर में Rs 807.88 करोड़ की कमाई की. यह न केवल विक्की के लिए बल्कि पूरे कौशल परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

कभी वीरू देवगन के सहायक के रूप में बिना वेतन काम करने वाले कौशल ने अब अपने बेटे को देवगन के बेटे, अजय देवगन, के साथ बॉक्स ऑफिस पर प्रतिस्पर्धा करते देखा है. उनकी कहानी दृढ़ता, परिवर्तन और मौन सहनशीलता का एक दुर्लभ उदाहरण है, Rs 350 प्रति माह से करोड़ों की विरासत तक की प्रेरणा देने वाली यात्रा.

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