Last Updated:
World IVF Day 2025: हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड एम्ब्रायोलॉजिस्ट डे मनाया जाता है. इसे वर्ल्ड आईवीएफ डे भी कहा जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य लोगों को इनफर्टिलिटी और आईवीएफ के बारे में जागरूक करना …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- जिन लोगों के नेचुरल तरीके से बच्चा न हो, वे IVF करवा सकते हैं.
- स्पर्म काउंट 0 होने पर IVF में डोनर का सीमन इस्तेमाल होता है
- महिलाओं का एग काउंट 0 होने पर एग डोनर की मदद लेते हैं.
आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान के कारण महिला और पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ बुरी तरह बर्बाद हो रही है. इसके कारण 20-25 की उम्र में ही इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो रही है. महिलाओं के कम उम्र में एग्स बनना बंद हो रहे हैं, जबकि पुरुषों का स्पर्म काउंट और क्वालिटी तेजी से घट रही है. यही वजह है कि शादी के बाद ऐसे कपल्स नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पाते हैं. इसके अलावा महिला की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो, एंडोमेट्रियोसिस हो या ओवुलेशन की समस्या हो, तब भी नेचुरल प्रेग्नेंसी नहीं हो पाती है. उम्र ज्यादा होने या बार-बार गर्भपात होने पर भी आईवीएफ का सहारा लेना पड़ता है. आईवीएफ में कपल्स का ट्रीटमेंट किया जाता है, ताकि वे पैरेंट्स बन सकें.
अगर स्पर्म काउंट 0 है, फिर कैसे होगा आईवीएफ?
महिलाओं का एग काउंट 0 हो, तब कैसे होगा IVF?
डॉक्टर सोनाली गुप्ता ने बताया कि कई बार कपल्स में पुरुषों में दिक्कत आती है, तो कई बार महिलाओं का एग्स काउंट 0 होता है. अगर महिला के पर्याप्त एग्स नहीं बन पाते हैं या प्रीमेच्योर मेनोपॉज हो जाता है, तब इस कंडीशन में एग्स डोनर महिला का सहारा लेना पड़ता है. सीमन की तरह एग्स को फ्रीज नहीं किया जाता है और ये एग्स दूसरी महिला के शरीर से लिए जाते हैं. इन एग्स को पुरुष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज कर एम्ब्रायो तैयार किया जाता है. इसे फिर यूटेरस में प्रत्यारोपित किया जाता है. इस तरह एग्स प्रोड्यूस न कर पाने वाली महिलाएं भी मां बन जाती हैं.
कपल्स को कब लेना चाहिए IVF का सहारा?
आईवीएफ एक्सपर्ट के अनुसार अगर कोई कपल शादी के बाद लगातार नेचुरल तरीके से कंसीव करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं हो रही है, तब इस कंडीशन में पुरुषों को स्पर्म काउंट टेस्ट करवाना चाहिए और महिलाओं को एंटी मुलेरियन हार्मोन (AMH) टेस्ट करवाना चाहिए. इससे यह पता चल जाएगा कि महिला के एग्स में दिक्कत है या पुरुषों के स्पर्म के कारण बच्चा नहीं हो पा रहा है. शुरुआत में आईवीएफ से पहले एक्सपर्ट फर्टिलिटी ट्रीटमेंट देते हैं. अगर इस ट्रीटमेंट से कोई कपल नेचुरल तरीके से कंसीव कर लेता है, तो आईवीएफ नहीं करना पड़ता है. हालांकि कई कपल्स ट्रीटमेंट के बावजूद संतान पैदा नहीं कर पाते हैं. ऐसी कंडीशन में आईवीएफ का सहारा लेना पड़ता है. भारतीय कानूनों के अनुसार 18 से 50 साल तक महिलाएं और 21 से 55 साल तक के पुरुष आईवीएफ से पैरेंट्स बन सकते हैं.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें