अमेरिका में दिल की बीमारी आज भी सबसे खतरनाक बीमारी बनी हुई है. हर साल लाखों लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवाते हैं. साल 2022 में करीब 10 लाख अमेरिकियों की मौत दिल की बीमारी से हुई, यानी हर 34 सेकंड में एक व्यक्ति की जान गई. ये आंकड़ा वाकई डराने वाला है. और भी चिंता की बात ये है कि आधे से ज्यादा अमेरिकी वयस्क किसी न किसी तरह की दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, भले ही उन्हें इसका पता हो या न हो. इसके पीछे कई कारण हैं – हाई ब्लड प्रेशर, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, धूम्रपान और आनुवंशिक कारण. खास तौर पर हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2050 तक 18 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे से प्रभावित होंगे, और मधुमेह के मामले भी बढ़ेंगे. हाल ही में अमेरिकी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एलो ने इंस्टाग्राम पर दो ब्लड टेस्ट के बारे में बताया, जिनसे दशकों पहले ही दिल की बीमारी के खतरे का पता लगाया जा सकता है. आइए, जानते हैं कि ये टेस्ट क्या हैं और इनका महत्व क्या है?
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
जब आप कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाते हैं, तो डॉक्टर आपके खून में कुल कोलेस्ट्रॉल, LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल), HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच करते हैं.
खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL)
लंबे समय से माना जाता रहा है कि LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल दिल और दिमाग की नसों को बंद करके हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बनता है. डॉ. एलो के अनुसार, अगर LDL 60 मिलीग्राम/डीएल से ज्यादा हो, तो खतरा बढ़ने लगता है. जितना ज्यादा LDL, उतनी जल्दी समस्या गंभीर हो सकती है. आमतौर पर स्वस्थ लोगों को LDL 100 से कम और पहले से दिल की बीमारी वाले लोगों को 70 से कम रखने की सलाह दी जाती है. जेएएमए कार्डियोलॉजी जर्नल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, LDL को 70 से भी कम करना दिल के लिए और फायदेमंद है. हर 39 मिलीग्राम/डीएल LDL कम होने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य दिल की बीमारियों का खतरा करीब 20% घट जाता है. मिसाल के तौर पर, अगर किसी का LDL 70 से घटकर 31 हो जाए, तो हार्ट प्रॉब्लम का खतरा 20% कम हो सकता है.
खास बात ये है कि LDL को कम करने का तरीका चाहे दवाइयों (जैसे स्टैटिन, इजेटिमाइब या PCSK9 इंजेक्शन) से हो या लाइफस्टाइल बदलकर, फायदा एक जैसा मिलता है. सबसे अच्छी बात ये है कि LDL को बहुत कम, जैसे 20 मिलीग्राम/डीएल तक लाने पर भी कोई नया खतरा नहीं होता – न मधुमेह, न लिवर की समस्या, न कैंसर, न स्ट्रोक. इसलिए कहा जाता है, LDL जितना कम, उतना बेहतर.
अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL)
HDL यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल हमेशा दिल के लिए फायदेमंद माना गया है, लेकिन रिसर्च बताती है कि ये हर किसी के लिए एक जैसा फायदा नहीं देता. अलग-अलग नस्लों और समुदायों में HDL का असर अलग हो सकता है. यानी ज्यादा HDL होना हर बार दिल की सेहत की गारंटी नहीं देता. इसलिए सिर्फ कोलेस्ट्रॉल टेस्ट पूरी तस्वीर नहीं दिखाता.
एपोबी (ApoB) टेस्ट
यहां एपोलिपोप्रोटीन बी (ApoB) टेस्ट अहम हो जाता है. हमारे खून में मौजूद हर खराब कोलेस्ट्रॉल कण (जैसे LDL, VLDL, IDL) में ApoB का एक अणु होता है. ApoB टेस्ट सीधे बता देता है कि आपके खून में कितने खतरनाक कण हैं, जो नसों को बंद कर सकते हैं. कई बार सामान्य कोलेस्ट्रॉल टेस्ट में LDL सामान्य दिखता है, लेकिन ApoB टेस्ट से पता चलता है कि असल में खतरा ज्यादा है. अमेरिकी विशेषज्ञों की हालिया रिसर्च के मुताबिक, ApoB टेस्ट दिल की बीमारी के खतरे को समझने का सबसे सटीक तरीका है, जो LDL से भी बेहतर है.
समय रहते खतरे को क्यों पकड़ना जरूरी है?
डॉ. एलो कहते हैं कि हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर बहुत देर से दिखते हैं, कभी-कभी दशकों बाद. लेकिन अगर आप 20, 30 या 40 की उम्र में ही खतरे को पहचान लें, तो हार्ट अटैक या गंभीर बीमारी से बच सकते हैं. जल्दी पता चलने से आप अपनी डाइट सुधार सकते हैं, लाइफस्टाइल बदल सकते हैं या जरूरत पड़ने पर दवाइयों की मदद ले सकते हैं. इससे आप अपने दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं.
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