Luxury Beauty Brand: दुनिया के तमाम कॉस्मैटिक ब्रांड अपने प्रीमियम रेंज के प्रोडक्ट्स के लिए भारत को एक उभरते बाजार के रूप में देख रहे हैं. इनमें जापान के शिसेडो से लेकर फ्रांस की कंपनी लॉरियल तक शामिल हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कई विकसित देशों में इनकी बिक्री धीमी पड़ गई है.
कंसल्टिंग फर्म कियर्नी और लग्जरी ब्यूटी डिस्ट्रीब्यूटर लक्सएशिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का लग्जरी ब्यूटी मार्केट तेजी से आगे बढ़ रहा है. 2023 के 800 मिलियन डॉलर से पांच गुना बढ़कर इसके 2035 तक 4 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. इस तेजी के पीछे खरीदारों की बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम भी एक बड़ी वजह होगी.
भारत में है ग्रोथ के कई मौके
दुनिया में ब्यूटी और पर्सनल केयर का मार्केट 21 बिलियन डॉलर का है. इसमें लग्जरी ब्यूटी सेगमेंट में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 4 परसेंट ही है. जबकि दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में इनकी हिस्सेदारी 8 से 24 परसेंट और चीन व अमेरिका जैसे विकसित बाजारों में इनकी हिस्सेदारी 25 से 48 परसेंट तक है. इससे साफ है भारत में इस सेगमेंट में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए कंपनियों के पास कई मौके हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इंवेस्टमेंट बैंक Houlihan Lokey का कॉर्पोरेट फाइनेंस बिजनेस के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर जिंदल कहते हैं, भारत में लोग नई-नई चीजें ट्राय करना और एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं इसलिए भारत को प्रीमियम ब्यूटी के ग्रोथ का हब माना जा सकता है.
कई विदेशी ब्रांड्स की भारत पर टिकी नजर
अमेरिकी ब्यूटी ब्रांड Estee Lauder, Clinique और MAC जैसी कंपनियों को भारत में तेजी से आगे बढ़ने और अपना कारोबार बढ़ाने की उम्मीद है क्योंकि अमेरिकी और एशियन पैसेफिक रीजन में इनकी बिक्री धीमी पड़ गई है.
भारत में एस्टी लाउडर के जनरल मैनेजर रोहन वजीराल्ली का कहना है, आज कंपनी के नेटवर्क में आने वाले देशों में भारत को उभरते हुए बाजार के रूप में देखा जा रहा है. कंपनी 1.4 अरब से अधिक की आबादी वाले इस देश में अपने कारोबार के लिए 60 मिलियन महिलाओं का टारगेट लेकर चल रही है.
प्रोडक्ट्स में करने पड़ सकते हैं कुछ बदलाव
हालांकि, ग्लोबल ब्यूटी ब्रांड्स को भारत में अपने प्रोडक्ट्स को लॉन्च करते वक्त इनमें कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं, जो उमस भरी गर्मी और दूसरे मौसम के हिसाब से स्किन को सूट करे. इन्हें मार्केट में स्वदेशी ब्रांड्स से मुकाबले की भी कम ही उम्मीद है. किर्नी और लक्सएशिया जैसे ब्रांड्स ने फॉरेस्ट एसेंशियल्स और कामा आयुर्वेद को अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में पहचाना है. इनका मानना है कि घरेलू ब्रांड्स की लग्जरी और प्रीमियम रेंज के प्रोडक्ट्स की बिक्री में दसवें हिस्से से भी कम का योगदान है.
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