आजादी की खुशी के बीच दो दिग्गज क्रिकेटरों का संन्यास, इस कारण भी हमेशा याद रहेगा 15 अगस्त

15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए खास होता है. यह वो दिन है जब देश आजादी का जश्न मनाता है, लेकिन साल 2020 का 15 अगस्त क्रिकेट प्रेमियों के लिए और भी भावुक बन गया. इसी दिन भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज खिलाड़ियों, एमएस धोनी और सुरेश रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. दोनों खिलाड़ियों ने अपने शानदार करियर से भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान दिया है. इसलिए 15 अगस्त की तारीख को आजादी के साथ-साथ इन दोनों सितारों के संन्यास की वजह से भी याद किया जाता है.

धोनी-रैना ने दुनिया को किया हैरान, संन्यास का किया एलान

2020 की शाम थी, जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के रंग में डूबा हुआ था. तभी अचानक एक खबर आई जिसने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की हैरान कर दिया. धोनी ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक वीडियो शेयर करते हुए घोषणा की कि वह अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं. उनके इस फैसले से हर फैन को झटका लगा.

धोनी के कुछ ही समय बाद उनके सबसे करीबी साथी सुरेश रैना ने भी संन्यास की घोषणा कर दी. रैना और धोनी की दोस्ती मैदान के भीतर और बाहर दोनों जगह मशहूर थी. दोनों ने मिलकर भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई थींचाहे वो 2011 का वनडे वर्ल्ड कप हो या 2013 का चैंपियंस ट्रॉफी.

सुरेश रैना ने बताया क्यों 15 अगस्त को ही दोनों ने लिया संन्यास

रैना ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि दोनों खिलाड़ियों ने 15 अगस्त को ही क्यों संन्यास लिया. रैना ने कहा, “हम दोनों पहले ही मन बना चुके थे कि 15 अगस्त को रिटायरमेंट का एलान करेंगे. धोनी का जर्सी नंबर ‘7’ है और मेरा जर्सी नंबर ‘3’ है. दोनों को मिलाकर 73 बनता है और 15 अगस्त (2020) को भारत को आजादी मिले 73 वर्ष पूरे हुए थे. इसलिए संन्यास के लिए शायद इससे बेहतर दिन नहीं हो सकता था.”

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