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Nakli Khoya ki Pehchan: बाजार में इन दिनों नकली डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है. खासकर खोया, पनीर और मिठाइयों में मिलावट से लोगों की सेहत को खतरा बढ़ रहा है. इस खबर में आप जानेंगे कि नकली और असली खोया में कै…और पढ़ें
खाद्य सुरक्षा विभाग की चेतावनी
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त खाद्य श्रवण कुमार मिश्र ने बताया कि नकली खोया बनाने में स्टार्च, मैदा, उबले आलू और अन्य सस्ते व हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. ये पदार्थ खोवा की गुणवत्ता घटाते हैं और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. ऐसे नकली खोवे के सेवन से फूड प्वाइजनिंग, लीवर और किडनी से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए असली खोवे की पहचान करना बेहद जरूरी है.
असली खोया और नकली खोया में फर्क पहचानना आसान है. सबसे पहले आयोडीन टेस्ट किया जा सकता है. इसमें एक चम्मच खोया हथेली पर लें और उसमें एक बूंद आयोडीन डालें. यदि खोवा नीला हो जाए, तो समझ जाएं कि उसमें स्टार्च मिला है, यानी यह नकली है. असली खोया इस टेस्ट में रंग नहीं बदलता.
गर्म पानी में खोया डालकर भी असली और नकली खोया का फर्क पहचाना जा सकता है. अगर खोया पानी में पूरी तरह घुल जाए, तो वह असली है, जबकि नकली खोया पानी में तैरता है या नीचे बैठ जाता है. इसके अलावा स्वाद से भी पहचान आसान है. असली खोया में दूध जैसी मिठास और स्वाद होता है, जबकि नकली खोया का स्वाद बेस्वाद या अजीब हो सकता है.
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सावधानी और जागरूकता ही सुरक्षा कवच
विशेषज्ञों के अनुसार, खोया की खरीदारी करते समय सावधान रहना आवश्यक है. अगर खोया के नकली होने का संदेह हो, तो स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग से संपर्क किया जा सकता है. मिलावटखोरी की यह समस्या केवल दुकानदारों के फायदे के लिए नहीं है, बल्कि यह लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा है. ऐसे में जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है.
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