आज भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को देशभर में धूमधाम के साथ कान्हा का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. मान्यता है कि, द्वापर युग में इसी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में हुआ था. बता दें कि इस साल श्रीकृष्ण का 5252 वां जन्मदिन मनाया जा रहा है.
जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है, आभूषण पहनाए जाते हैं, झूला सजाया जाता है, महाप्रसाद बनाया जाता है और रात्रि में 12:00 बजे कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. वैसे तो जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को एक दो नहीं बल्कि पूरे 56 भोग लगाया जाता है. लेकिन यदि आप 56 भोग नहीं अर्पित कर पा रहे हैं या किसी कारण छप्पन भोग का व्यंजन तैयार नहीं कर पा रहे हैं तो टेंशन न लें, आप इन 8 भोग को आज जन्माष्टमी की पूजा में श्रीकृष्ण को चढ़ा सकते हैं. ये आठ महत्वपूर्ण चीजें चढ़कर भी आपको 56 भोग के समान ही फल की प्राप्ति होगी. लिए जानते हैं किन आठ चीजों से पे 56 भोग जैसा फल
इन 8 चीजों से मिलेगा 56 भोग जैसा फल
धनिया पंजीरी- पंजीरी का भोग महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके बिना जन्माष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है. धनिया पंजीरी का भोग कान्हा को अर्पित किया जाता है और इसी प्रसाद को ग्रहण कर व्रत भी खोला जाता है.
खीर- जन्माष्टमी के दिन केसर, चावल और दूध का खीर बनाकर कान्हा क भोग लगाने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं.
माखन मिश्री- यह श्रीकृष्ण के प्रिय भोगों में एक है. बचपन के दिनों से ही कान्हा को मां यशोदा माखन-मिश्री खिलाया करती थी. तब से यह श्रीकृष्ण का प्रिय भोग बन गया.
मालपुआ- अगर आप 56 व्यंजन तैयार नहीं कर पा रहे तो आज जन्माष्टमी पर मालपुआ बनाकर कान्हा को जरूर अर्पित करें. मान्यता है कि मालपुआ भी कृष्ण को अतिप्रिय है.
मीठे फल- यदि आप भोग तैयार करने में असमर्थ हैं तो जन्माष्टमी पर कान्हा को मीठे और ताजे फलों जैसे केला, सेब, अनार आदि का भोग भी लगा सकते हैं.
पंचामृत- दूध, दही, शहद, मिश्री, तुलसी, पंचमेवा आदि के मिश्रण से तैयार पंचामृत का भोग भी श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है. खासकर जन्माष्टमी के दिन पंचामृत से कान्हा को स्नान कराया जाता है.
मिठाइयां– जन्माष्टमी की पूजा श्रीकृष्ण को पेड़ा, लड्डू, दूध से बना कलकंद और बर्फी आदि जैसी मिठाईयों का भोग भी लगा सकते हैं.
पूरनपोली- दाल और गुड़ से बनी पूरनपोली का भोग भी आज जन्माष्टमी पर कान्हा को लगा सकते हैं. यह दक्षिण भारत और महाराष्ट्र की खास मिठाई है.
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