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मोटापा आज की बड़ी समस्या है, जो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और हार्ट डिजीज का कारण बनता है. आयुर्वेद में कफ दोष को मोटापे का कारण बताया गया है. योग, प्राणायाम और पंचकर्म से वजन घटाया जा सकता है.

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोटापा (Obesity) सबसे बड़ी समस्या बन गया है. यह न केवल हमारी पर्सनैलिटी को प्रभावित करता है बल्कि कई गंभीर बीमारियों की जड़ भी है. मोटापे के चलते डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और हार्ट डिजीज जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं. आयुर्वेद में मोटापे का मुख्य कारण कफ दोष (Kapha Dosha) बताया गया है. जब कफ दोष बढ़ता है, तो पाचन कमजोर हो जाता है और शरीर में गंदगी जमा होने लगती है. ऐसे में अगर पाचन को दुरुस्त कर लिया जाए और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकाल दिए जाएं, तो धीरे-धीरे वजन कम होना शुरू हो जाता है.
घरेलू आयुर्वेदिक उपाय से मोटापा कम करना
आयुर्वेद में मोटापा घटाने के लिए कई आसान और कारगर उपाय बताए गए हैं. इनमें सबसे पहले दिनभर गुनगुना पानी पीना शामिल है, जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है और पाचन को सही करता है. इसके अलावा अदरक की चाय (Ginger Tea) लेना भी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और भूख को नियंत्रित करती है. हल्का और सुपाच्य खाना खाने की सलाह दी जाती है ताकि पेट पर अतिरिक्त बोझ न पड़े. साथ ही, रात को देर से खाने से बचना और तैलीय व मीठी चीजों का सेवन कम करना भी जरूरी है. ये छोटे-छोटे बदलाव धीरे-धीरे वजन को संतुलित करने में मदद करते हैं.
योग (Yoga for Weight Loss) मोटापा कम करने का एक सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका है. जब हम योगाभ्यास करते हैं तो शरीर की ऊर्जा सही दिशा में प्रवाहित होती है और मेटाबॉलिज्म सक्रिय होता है. सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, भुजंगासन और कपालभाति जैसे योगासन वजन घटाने में बहुत लाभकारी माने जाते हैं. योग केवल शरीर को फिट नहीं करता, बल्कि मन को भी शांत रखता है. इससे व्यक्ति अपने खाने-पीने की आदतों पर नियंत्रण पा लेता है और ओवरईटिंग से बचता है. नियमित प्राणायाम करने से सांस लेने की प्रक्रिया बेहतर होती है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, जो फैट बर्निंग को तेज करता है.
पंचकर्म से मोटापे का इलाज
अगर मोटापा बहुत ज्यादा बढ़ गया हो, तो आयुर्वेद में पंचकर्म (Panchakarma Therapy) का सहारा लिया जाता है. पंचकर्म शरीर को अंदर से डिटॉक्स करता है और जमा हुई गंदगी को बाहर निकालता है. इसमें ‘उद्वर्तन’ (Udvartana) नामक प्रक्रिया होती है, जिसमें जड़ी-बूटियों से मालिश की जाती है और शरीर की चर्बी गलने लगती है. ‘कषाय बस्ती’ (Kashaya Basti) यानी हर्बल एनिमा से आंतों की सफाई की जाती है, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त होता है. वहीं ‘नस्य’ (Nasya Therapy) के जरिए नाक से औषधि दी जाती है, जो मेटाबॉलिज्म को संतुलित करती है. ये प्रक्रियाएं शरीर को भीतर से स्वस्थ करती हैं और वजन घटाने की प्राकृतिक प्रक्रिया को तेज करती हैं.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें