भारत में पैरासिटामोल शायद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा में से एक है. सिर दर्द हो, हल्का बुखार हो या बदन दर्द लोग बिना सोचे समझे इसे खा लेते हैं. लेकिन हाल ही में आई रिसर्च ने चेतावनी दी है कि इसका लापरवाही से इस्तेमाल सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए.
बार-बार सेवन से बढ़ता है खतरा
एक्सपर्ट के अनुसार पैरासिटामोल का लगातार या जरूरत से ज्यादा सेवन लिवर किडनी और पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकता है. यह दवा शरीर में जाकर लिवर पर ज्यादा दबाव डालती है और लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में लेने से लिवर फेल होने तक की समस्या आ सकती है.
प्रेगनेंसी में बढ़ सकता है गंभीर खतरा
कुछ रिसर्च के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान बार-बार पैरासिटामोल लेने से होने वाले बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंट विकार का खतरा बढ़ सकता है. रिसचर्स के अनुसार इसका असर बच्चों के दिमाग के विकास पर पड़ सकता है. जिससे फ्यूचर में ऑटिज्म या ध्यान की कमी जैसी समस्याएं हो सकती है.
क्यों होता है नुकसान
पैरासिटामोल दर्द और बुखार कम करने के लिए दिमाग के सिग्नल और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करती है. लेकिन ओवरडोज या लगातार सेवन से यह शरीर में जहरीले टॉक्सिन बना देती है. जिन्हें लिवर को बाहर निकालना पड़ता है वहीं ज्यादा दबाव में लिवर की सील्ड डैमेज हो सकती है.
कितनी मात्रा है सुरक्षित
बच्चों के लिए पैरासिटामोल की खुराक उनकी उम्र और वजन के हिसाब से तय होती है. इसके अलावा एक बार में 500एमजी या 650 एमजी से ज्यादा न लें और अगली खुराक कम से कम 4 से 6 घंटे के अंतराल पर लें. इसके अलावा पैरासिटामोल लेने से पहले आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं.
गलत काॅम्बिनेशन से दोगुना खतरा
पेरासिटामोल को शराब, पेन किलर या सर्दी जुकाम की दूसरी दवाओं के साथ लेना बहुत खतरनाक हो सकता है. क्योंकि इनमें भी पैरासिटामोल मौजूद हो सकता है और इससे ओवरडोज का खतरा बढ़ जाता है.
ओवरयूज के नुकसान
अगर आप पैरासिटामोल ज्यादा मात्रा में लेते हैं तो इसका सबसे बड़ा खतरा लिवर डैमेज होने का रहता है. इसके अलावा लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से किडनी फेलियर की समस्या रहती है. वहीं लगातार सेवन से बीपी भी बढ़ सकता है. साथ ही बार-बार पैरासिटामोल लेने से सिर दर्द की समस्या बढ़ जाती है और असली कारण का इलाज रुक जाता है.
एक्सपर्ट्स की सलाह
पैरासिटामोल को हर दर्द की दवा मानना गलत है. डॉक्टर की सलाह के बिना बार-बार सेवन करने से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. छोटी तकलीफ में तुरंत दवा लेने की बजाय आराम, पानी और सही खान-पान से भी राहत मिल सकती है.
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