श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महाकाल की नगरी उज्जैन में धार्मिक उत्सव का माहौल है। श्री कृष्ण का विशेष संबंध उज्जैन से रहा है, क्योंकि उन्होंने यहां शिक्षा प्राप्त की थी।
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श्री महाकालेश्वर मंदिर में संध्या आरती के बाद नैवेद्य कक्ष में लड्डू गोपाल का पंचामृत से पूजन-अभिषेक किया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर में स्थित श्री साक्षी गोपाल मंदिर में भी विशेष श्रृंगार और पूजन का आयोजन है।
सिंधिया ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में नाथद्वारा से विशेष श्रृंगार सामग्री मंगवाई गई है। पुजारी पावन शर्मा के अनुसार, सुबह से ही पंचामृत पूजन-अभिषेक के बाद दर्शन शुरू हो गए हैं। संध्या 6:30 बजे मंदिर के पट बंद होंगे। इस दौरान ढोली बुआ का कीर्तन होगा।

रात्रि 12 बजे सभी प्रमुख मंदिरों में विशेष आरती का आयोजन होगा। द्वारकाधीश मंदिर में भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा। अगले दिन यशोदा माता की झांकी सजेगी। बछ बारस तक प्रतिदिन ढोली बुआ की कथा का आयोजन किया जाएगा। कई मंदिरों में रविवार को नंद उत्सव भी मनाया जाएगा।

