4 मिनट पहले
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बच्चों को खास मौकों पर अच्छा महकता हुआ महसूस कराना हर पेरेंट चाहता है। इसके लिए अक्सर पेरेंट्स अच्छी खुशबू वाला परफ्यूम, बॉडी स्प्रे या सेंट इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं, जो खुशबू आपके लिए फ्रेशनेस और कॉन्फिडेंस का जरिया है, वही बच्चों की नाजुक स्किन और सेहत के लिए खतरा बन सकती है। बच्चों का शरीर और स्किन बड़ों की तुलना में कहीं ज्यादा सेंसिटिव होती है, इसलिए इनके लिए परफ्यूम का चुनाव और इस्तेमाल बेहद सोच-समझकर करना जरूरी है।
इसलिए ‘जरूरत की खबर’ में आज बात करेंगे कि बच्चों के लिए परफ्यूम कितना खतरनाक है? साथ ही जानेंगे कि-
- अगर परफ्यूम लगाना ही हो तो क्या सावधानियां जरूरी हैं?
एक्सपर्ट: डॉ. नेहा अग्रवाल, कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन, मदरलैंड हॉस्पिटल, नोएडा
सवाल- परफ्यूम में क्या-क्या होता है?
जवाब- ज्यादातर परफ्यूम में 78% से 95% तक डिनैचर्ड एथाइल अल्कोहल (एक तरह का केमिकल अल्कोहल) होता है। इसके साथ इनमें नेचुरल या सिंथेटिक एसेंशियल ऑयल्स, ग्लिसरीन और फ्थेलेट्स (phthalates) जैसे केमिकल मिलाए जाते हैं। ये सभी चीजें मिलकर परफ्यूम की खुशबू को बनाए रखती हैं।
सवाल- बच्चों पर परफ्यूम लगाना क्यों खतरनाक है?
जवाब- बच्चों की स्किन बहुत कोमल और पतली होती है। परफ्यूम में मौजूद केमिकल जैसे अल्कोहल, खुशबू वाले तेल (एसेंशियल ऑयल), ग्लिसरीन और फ्थेलेट्स उनकी स्किन से अब्जॉर्ब होकर ब्लडस्ट्रीम तक जल्दी पहुंच सकते हैं। इनसे बच्चों को रैशेज, खुजली, जलन या एलर्जी हो सकती है।

सवाल- परफ्यूम बच्चों के फेफड़ों के लिए कैसे नुकसानदायक है?
जवाब- डॉ. नेहा अग्रवाल बताती हैं कि नवजात और छोटे बच्चों के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं। इसलिए अगर उन्हें तेज गंध या परफ्यूम जैसे केमिकल्स की खुशबू में रखा जाए तो इसका असर उनके सांस लेने पर जल्दी पड़ सकता है। बच्चों को जितना कम केमिकल्स और खुशबूदार चीजों के संपर्क में लाया जाए उतना ही बेहतर है।
सवाल- बच्चों की खुशबू के लिए क्या करना बेहतर है?
जवाब- डॉ. नेहा अग्रवाल कहती हैं कि बच्चों को अच्छी खुशबू के लिए परफ्यूम की जरूरत नहीं होती है। उनकी नेचुरल फ्रेशनेस, सही साफ-सफाई से ही बनी रहती है। अगर बच्चे को दिन में बेबी-फ्रेंडली साबुन और साफ पानी से नहलाया जाए तो शरीर की गंध अपने आप दूर हो जाती है।

सवाल- बच्चों की स्किन को खुशबूदार और सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है?
जवाब- पेरेंट्स के लिए सबसे जरूरी है कि बच्चों की खुशबू और स्किन सेफ्टी के लिए नेचुरल और जेंटल तरीके अपनाएं। इसके लिए दिन में एक बार बच्चे को बेबी-फ्रेंडली, पीएच-बैलेंस्ड साबुन से नहलाएं, नहाने के बाद हल्का मॉइश्चराइजर लगाएं। इसके साथ ही कपड़े हमेशा साफ व कॉटन के पहनाएं।

सवाल- अगर परफ्यूम लगाना ही हो तो पेरेंट्स को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- बच्चों की स्किन बेहद नाजुक होती है और उस पर लगाया गया परफ्यूम जल्दी असर कर सकता है। इसलिए अगर पेरेंट्स परफ्यूम का इस्तेमाल करना चाहें तो इसे बेहद सोच-समझकर और सीमित मात्रा में करें। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें। जैसेकि-
- बच्चों के लिए ऐसा परफ्यूम लें, जिसमें नेचुरल इंग्रेडिएंट्स हों और फ्थेलेट्स, अल्कोहल, आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस न हों।
- परफ्यूम गले, चेहरे, बगल या टूटे-फूटे/कटे हिस्सों की स्किन पर न लगाएं, क्योंकि ये हिस्से बेहद सेंसिटिव होते हैं।
- बच्चों के लिए तेज गंध की जगह हल्की, सॉफ्ट खुशबू बेहतर है। तेज गंध से सांस लेने में दिक्कत, चक्कर या सिरदर्द हो सकता है।
- परफ्यूम को कपड़ों पर हल्के से स्प्रे करें, सीधे स्किन पर न लगाएं और जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
- अगर परफ्यूम लगाने के बाद बच्चे को रैशेज, खुजली, सांस लेने में परेशानी या चक्कर जैसा कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत इस्तेमाल बंद करें और डॉक्टर से सलाह लें।
सवाल- क्या बेबी परफ्यूम या ‘किड्स फ्रेगरेंस’ भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं?
जवाब- बाजार में मिलने वाले बेबी परफ्यूम या किड्स फ्रेगरेंस को ‘सॉफ्ट’ या ‘माइल्ड’ बताया जाता है, लेकिन इनमें भी अक्सर अल्कोहल, आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस या प्रिजर्वेटिव मिलाए जाते हैं। ये बच्चों की स्किन और सांस लेने की क्षमता पर असर डाल सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स को लेबल अच्छी तरह पढ़ना चाहिए और अगर परफ्यूम में किसी भी तरह का हार्श केमिकल है तो उससे बचना चाहिए।
सवाल- बच्चों में परफ्यूम एलर्जी के लक्षण कैसे पहचानें?
जवाब- परफ्यूम से एलर्जी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर इसमें स्किन पर लाल दाने, रैशेज, खुजली, आंखों में पानी या जलन, नाक बंद होना, छींक आना, सांस फूलना या सिरदर्द शामिल हैं। अगर बच्चे में ये लक्षण परफ्यूम लगाने के तुरंत बाद दिखें तो परफ्यूम का इस्तेमाल बंद करें और बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।
सवाल- बच्चों की स्किन के लिए अतिरिक्त केयर कैसे करें?
जवाब- रोजाना की साफ-सफाई के साथ थोड़ी अतिरिक्त देखभाल बच्चों की स्किन को और भी हेल्दी, मुलायम और सुरक्षित बना सकती है। पेरेंट्स इन टिप्स को अपनाएं।
नियमित तेल मालिश करें
हफ्ते में 2-3 बार नारियल, बादाम या सरसों के तेल से हल्के हाथों से मालिश करें। यह स्किन को पोषण, नमी और मजबूती देता है।
मौसम के हिसाब से मॉइश्चराइजर चुनें
सर्दियों में गाढ़ा मॉइश्चराइजर और गर्मियों में हल्का, कूलिंग लोशन इस्तेमाल करें ताकि स्किन का बैलेंस बना रहे।
बेबी-सेफ डिटरजेंट का इस्तेमाल करें
बच्चों के कपड़े धोने के लिए माइल्ड, केमिकल-फ्री डिटरजेंट लें। यह स्किन को इरिटेशन और एलर्जी से बचाता है।
नाखूनों की सफाई और ट्रिमिंग करें
बच्चों के नाखून छोटे और साफ रखें ताकि खरोंच या इन्फेक्शन का खतरा न हो।
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बारिश का मौसम तपती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन ये पेरेंट्स के लिए एक नई चुनौती बनकर आता है। दरअसल इस मौसम में बच्चों को खास देखभाल की जरूरत होती है चूंकि बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए वे इस मौसम में होने वाले वायरल इन्फेक्शन और बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। पूरी खबर पढ़िए…
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