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Plastic Bottles and Cancer: प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से कैंसर होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. कुछ लोग प्लास्टिक की बोतल में पाए जाने वाले BPA जैसे रसायनों को लेकर कैंसर का दावा करते हैं, लेकिन यह म…और पढ़ें

BPA को एंडोक्राइन डिसरप्टर माना जाता है. आसान भाषा में कहें, तो यह शरीर के हार्मोन सिस्टम में हस्तक्षेप कर सकता है. यह एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन की नकल कर सकता है, जिससे शरीर के हार्मोनल संतुलन पर बुरा असर पड़ सकता है. कुछ अध्ययनों में यह सुझाव दिया गया है कि BPA का अत्यधिक संपर्क प्रजनन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, भ्रूण विकास में हस्तक्षेप कर सकता है, हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है. इसके अलावा BPA का ज्यादा एक्सपोजर ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क बढ़ा सकता है, लेकिन इसके अभी तक ठोस सबूत नहीं मिले हैं. इस बारे में ज्यादा रिसर्च की जरूरत है.
अब सवाल है कि क्या प्लास्टिक की बोतलों में इस्तेमाल किया जाने वाला BPA सेहत के लिए सुरक्षित है? कई देशों की नियामक संस्थाओं जैसे- US FDA, EFSA और फूड स्टैंडर्ड्स ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड ने यह पाया है कि कम मात्रा में BPA का सेवन सुरक्षित है, क्योंकि शरीर इसे तेजी से बाहर निकाल देता है. प्लास्टिक की बोतल से BPA बेहद कम मात्रा में शरीर में जाता है, जिसे शरीर भी जल्दी तोड़कर पेशाब के जरिए बाहर निकाल देता है, जिससे इसके शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं. हालांकि फिर भी कई देशों में बेबी प्रोडक्ट्स समेत कुछ प्रोडक्ट्स में BPA को बैन कर दिया गया है, ताकि सेहत को कोई खतरा न रहे.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें