Balaghat News: बालाघाट का वो उद्यान, जहां रणनीति तैयार करते थे स्वतंत्रता सेनानी, अब इस नाम से पहचान

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Balaghat News: इतिहासकार विरेंद्र सिंह गहरवार ने बताया कि बालाघाट जिले के अंबेडकर चौक पर स्थित आजाद उद्यान में पहले सागौन का वन हुआ करता था. ऐसे में अंग्रेजों को भनक न लगे, इसलिए…

Balaghat News: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का भी आजादी की लड़ाई में अहम योगदान रहा है. यहां से करीब 365 क्रांतिकारियों ने जान की बाजी लगाकर लड़ाइयां लड़ीं. वह उद्यान बालाघाट के अंबेडकर चौक के पास आज भी है, जहां क्रांतिकारी योजनाएं बनाते थे. उस उद्यान को स्वतंत्रता सेनानी उद्यान और महिला उद्यान के नाम से जाना जाता है. इस उद्यान का इतिहास गर्व करने वाला है. यहां जानें…

रणनीति तैयार करने जमा होते थे क्रांतिकारी
इतिहासकार विरेंद्र सिंह गहरवार ने बताया कि बालाघाट जिले के अंबेडकर चौक पर स्थित आजाद उद्यान में पहले सागौन का वन हुआ करता था. ऐसे में अंग्रेजों को भनक न लगे. इसलिए उस सागौन वन में क्रांतिकारी एकजुट हुआ करते थे. वहीं, बैठकर सेनानी आंदोलनों के लेकर रणनीति भी तैयार करते थे.

जंगल सत्याग्रह से लेकर कई आंदोलन की रणनीति बनी
1930 में ब्रिटिश सरकार ने वन कानून लागू किए थे, जिसकी शुरुआत बालाघाट जिले के समीप अब के सिवनी जिले के टूरिया के जंगलों से हुई थी. इसका असर काफी देखने को मिला था. बालाघाट के सागौन के वनों के बीच बैठकर यहां के सेनानियों ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार की थी. वहीं, बालाघाट में भी जंगल सत्याग्रह हुआ था.

अब नगर पालिका के जिम्मे है उद्यान
उस उद्यान में पहले स्वतंत्रता सेनानी पदम चंद जैन रहा करते थे. ऐसे में वह उस उद्यान की देखभाल करते थे. खास बात ये कि उन्होंने यह उद्यान महिलाओं को समर्पित कर दिया था. ऐसे में उस उद्यान को महिला उद्यान के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, अब इसकी जिम्मेदारी नगर पालिका की है. वहां पर बड़े-बड़े सागौन के पेड़ लगे हैं. वहीं, इसके संरक्षण के लिए काम भी किए जा रहे हैं.

अब एक छोटी सी मांग
इतिहासकार विरेंद्र सिंह गहरवार का कहना है कि उस उद्यान में जिले के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची तैयार कर उस उद्यान में रखना चाहिए. वही, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि यहीं होगी.

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बालाघाट का वो उद्यान, जहां रणनीति तैयार करते थे स्वतंत्रता सेनानी, अब ये नाम

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