हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही विशेष माना जाता है. इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को है. जन्माष्टमी के पवित्र दिन पर धूमधाम से कान्हा का जन्मदिन मनाया जाता है. इस दौरान कान्हा का विशेष श्रृंगार किया जाता है, 56 भोग लगाए जाते हैं, महाआरती होती है और रात्रि में भजन-कीर्तन होते हैं.

जन्माष्टमी के दिन लोग सुबह से लेकर रात्रि तक व्रत रखते हैं, क्योंकि जन्माष्टी की पूजा रात 12 बजे होती है. व्रत में सुबह से लेकर रात तक अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. इसलिए यह व्रत थोड़ा कठिन हो जाता है.

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाने के लिए हर व्यक्ति को व्रत-पूजन जरूर करना चाहिए. लेकिन सभी के लिए यह व्रत अनिवार्य नहीं है. बल्कि कुछ परिस्थितियों में आप इस व्रत को छोड़ भी सकते हैं. आइये जानते हैं किन लोगों को नहीं रखना चाहिए जन्माष्टमी व्रत.

इन महिलाओं को व्रत न रखने की छूट- अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराने वाली माताएं हैं तो आप जन्माष्टमी के दिन बिना व्रत रखे केवल पूजा पाठ के माध्यम से भी कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं. क्योंकि इस अवस्था में अधिक देर तक भूखा रहना आपके और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है.

बीमार और बुजुर्गों को भी व्रत न रखने की छूट- जो लोग मधुमेह, ब्लड प्रेशर, लिवर, किडनी, हृदय रोग या बुखार आदि से पीड़ित हैं, वे भी जन्माष्टमी का व्रत न रखें. इसके साथ ही उम्रदराज लोगों को भी व्रत न रखने की छूट होती है.

इसके साथ ही बहुत छोटे बच्चों को भी व्रत नहीं रखना चाहिए. जिन महिलाओं को पीरियड हुआ हो, वे भी व्रत-पूजन न करें.

जिन लोगों के घर पर किसी की मृत्यु हुई हो और पातक (अशुद्ध काल) चल रहा हो, उन्हें भी जन्माष्टमी का व्रत नहीं रखना चाहिए और ना ही पूजा करनी चाहिए. क्योंकि ऐसे समय में धार्मिक कार्यों से दूर रहना चाहिए.
Published at : 15 Aug 2025 04:20 PM (IST)
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