भूखी गुजरती थी जिंदगी..7वें प्रयास मे सफल हुआ ये व्यवसाय, अब लाखों में टर्नओवर

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Success Story: शिवशंकर पंडित, जहानाबाद के मिश्र बिगहा गांव के निवासी, ने 2020 में बैंजो बनाना शुरू किया. छह बार असफलता के बाद सातवीं बार सफल हुए. अब 22 राज्यों और 2 देशों में बैंजो की सप्लाई कर रहे हैं.

जहानाबादः कोशिश करने वालों की हार नहीं होती… छह बार असफल और सफलता सातवीं बार में हाथ लगी. यह वाक्य उस व्यक्ति पर एक दम सटीक साबित हो रहा है, जिनकी जिंदगी कभी मजदूरी कर चलता था. एक दिन खाना तो दूसरे दिन भूखे रहना. आज उसी शख्स का एक प्रयोग ने उनकी पूरी लाइफ बदल दी. अब आराम से दो वक्त की रोटी भी चल रही है. दो बेटा भी उसी व्यवसाय से जुड़कर अच्छी कमाई कर रहा है.
वह व्यक्ति जहानाबाद का एक छोटा सा गांव मिश्र बिगहा का है. जिसकी उम्र करीब 52 साल हो रही है. वह बैंजो बनाता है और बजाता है. 2020 से शुरू हुआ व्यवसाय की साख अब तक 22 राज्यों और दो देशों में पहुंच चुकी है. अब अच्छी खासी कमाई होने लगी है.

22 राज्य और 2 देश तक फैला बैंजो व्यवसाय 
दरअसल, मखदुमपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले शिवशंकर पंडित का जीवन शुरुआत से ही गरीबी में बीता. जब थोड़ा होश संभाले तो उनके पिताजी का देहांत हो गया. शादी हो गई और जिम्मेदारी भी बढ़ गई. दो बच्चों को संभालना था तो 90 के दशक से ही राज मिस्त्री का काम करना शुरू कर दिया. करीब 25 साल के लंबे सफर में कई बार आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा. कहते हैं कि हर इंसान में एक कला जरूर होता है, जिसे तराशने की जरूरत होती है. शिवशंकर पंडित में देर सही, लेकिन तराशा और ऐसा तराशा की फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.

2020 में बैंजो बनाना शुरू किया. छह बार तो असफल हो गए, लेकिन हार नहीं माना. 7 वीं बार में सफल बैंजो बना दिया. इस सफल ट्रायल ने उनके अंदर काम करने का जज्बा भर दिया. फिर क्या… काम करते चले गए. धीरे धीरे दो बेटे को भी इसी में उतार दिया और तन मन से काम में जुट गए. आज हालात ऐसी है कि उनके पास बैंजो की इतनी डिमांड है कि पूरी नहीं हो पाती है. अब तक 22 राज्यों में बैंजो की सप्लाई कर चुके हैं. इससे अच्छी खासी कमाई भी हो रही है.

कड़ी मेहनत ने दिलाई सफलता 
शिवशंकर पंडित ने कहा, शुरू से संगीत की दुनिया से जुड़ाव था. पिताजी ढोलक वादक थे. उन्हीं से सीखकर हम भी हारमोनियम को बजाया करते थे. इन्हीं चीजों ने हमें इस व्यवसाय में उतार दिया और फिर क्या कड़ी मेहनत से काम कर रहे हैं. दो बेटों का भी साथ मिल रहा है. अब तक हमारा बैंजो 22 राज्यों में आपूर्ति हुआ है और दो विदेश भी जा चुका है.

देश विदेश में बैंजो की सप्लाई 
रौशन प्रजापति ने कहा, इस व्यवसाय को हमारे पिताजी ने सुई से पिरोया है और उन्हीं की देन है, आज हमलोग भी इससे जुड़ गए हैं. अच्छी खासी डिमांड है. हम अपने सामान की क्वालिटी से समझौता नहीं करते हैं. यही कारण है कि हमारे सामान की मांग देश विदेश से हो रही है. फुर्सत नहीं मिल पाता है. यह जहानाबाद का यूनिक व्यवसाय है.

Amit ranjan

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें

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