रेलवे में 64 हजार पोस्ट के लिए 1.87 करोड़ लोगों ने आवेदन, सरकार के आंकड़े उड़ा देंगे होश

रेलवे में नौकरी पाना करोड़ों युवाओं का सपना होता है, लेकिन इस सपने तक पहुंचने का रास्ता कितना मुश्किल है, इसका अंदाज़ा संसद में पेश हुए ताज़ा आंकड़े बखूबी दे देते हैं. साल 2024 में रेलवे ने 64,197 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, और इन पदों के लिए पूरे देश से 1.87 करोड़ लोगों ने आवेदन किया. यानी औसतन एक पद के लिए करीब 291 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई.

रेल मंत्रालय द्वारा जारी डेटा बताता है कि कुछ पदों के लिए तो प्रतिस्पर्धा हैरत में डालने वाली थी. जैसे, आरपीएफ कॉन्सटेबल के 4,208 पदों के लिए लगभग 45.3 लाख आवेदन आए. इसका मतलब है कि हर एक पद के लिए करीब 1,076 उम्मीदवार लाइन में थे. टेक्नीशियन के 14,298 पदों के लिए करीब 26.99 लाख लोगों ने फॉर्म भरा, जबकि असिस्टेंट लोको पायलट यानी ALP के 18,799 पदों के लिए 18.4 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया. NTPC कैटेगरी के लोकप्रिय पदों पर भी प्रति पद 700 से ज्यादा दावेदार थे.

भर्ती की प्रक्रिया कहां?

भर्ती प्रक्रिया का दायरा भी बड़ा रहा. मंत्रालय के मुताबिक, इस वक्त 92,116 पदों के लिए चयन की प्रक्रिया चल रही है. इनमें से 55,197 पदों के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) कराई जा चुकी है. यह परीक्षाएं देश के 150 से ज्यादा शहरों में और 15 भाषाओं में हुईं. कई पदों जैसे ALP, RPF SI, कॉन्सटेबल, जूनियर इंजीनियर और CMA के रिजल्ट भी घोषित हो चुके हैं.

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टेक्नीशियन भर्ती में भी तेजी से काम हुआ है. कुल 14,298 पदों में से 9,000 से ज्यादा उम्मीदवारों का चयन हो चुका है. मंत्रालय का कहना है कि आने वाले महीनों में बाकी रिक्तियां भी भर दी जाएंगी. रेलवे ने 2025 के लिए भी बड़े स्तर पर भर्ती की योजना बनाई है. मार्च में CEN 01/2025 के तहत करीब 9,970 ALP पदों के लिए आवेदन मंगाए जाएंगे, जबकि जून में CEN 02/2025 के तहत 6,238 टेक्नीशियन पदों की भर्ती होगी.

क्या कहते हैं आंकड़े?

अगर पिछले 20 साल का आंकड़ा देखें तो सुधार साफ दिखाई देता है. 2004 से 2014 के बीच रेलवे ने 4.11 लाख कर्मचारियों की भर्ती की थी, जबकि 2014 से 2025 के बीच यह संख्या बढ़कर 5.08 लाख हो गई. यानी लगभग एक लाख अधिक नियुक्तियां हुईं. रिपोर्ट्स की मानें तो यह सुधार वार्षिक भर्ती कैलेंडर, पूरी तरह डिजिटल परीक्षा प्रणाली और कई भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने जैसे कदमों के चलते संभव हुआ.

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