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Pavalapparai Fish eating benefits: मछली का सेवन करना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. नॉनवेज खाने वालों को ढेरों मछलियों के नाम मालूम होंगे. छोटी-बड़ी, सस्ती-महंगी, तरह-तरह की मछलियां मार्केट में मिलती हैं, लेकिन दक्षिण भारत में एक ऐसी मछली मिलती है, जो बेहद ही पौष्टिक होती है. इस मछली का नाम पवलाप्पारई है जिसे तिलापिया मछली भी कहते हैं. मुख्य रूप से ये मछली भारतीय तटीय जल और प्रशांत महासागर, हिंद महासागर में पाई जाती है. चलिए जानते हैं पवलाप्पारई मछली के फायदों के बारे में…
अक्सर डॉक्टर मछली खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि ये कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं. सामान्य तरीके से मछली खाना न सिर्फ आपके टेस्ट बड्स को संतुष्टि देता है, बल्कि यह आपके संपूर्ण सेहत को लाभ पहुंचाती है.

साउथ में कई तरह की मछलियां मिलती है जैसे वंजाराम मछली, शंकर फिश, वव्वा (Vava), नेथिली (Nethili), एंकोवी (Anchovy) आदि. ये सभी समुद्री मछली हैं, जो काफी महंगी भी होती हैं. इसके अलावा भी यहां कई सस्ती मछलियां भी मिलती हैं, जिन्हें आप कभी नहीं खाए होंगे और जब कभी भी साउथ का रुख करें तो जरूर खाकर देखें.

पवलाप्पारई मछली अपने बड़े आकार और मांसल बनावट के लिए प्रसिद्ध है. खासकर दक्षिण भारत में समुद्री भोजन के व्यंजनों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है. इसे कभी-कभी मलाबार किंग फिश (Malabar King Fish) भी कहा जाता है.

पवलाप्पारई मछली खाने से सूजन कम होता है. ट्राइग्लिसराइड स्तर को घटाने में मदद करने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इतना ही नहीं, यह मछली धमनियों में प्लाक जमने की प्रक्रिया को भी धीमा करती है. अध्ययनों में पाया गया है कि हर दिन कम से कम 250 मि.ग्रा. ओमेगा-3 लेने से हृदय रोग के कारण होने वाली मृत्यु का जोखिम 35 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

ये फैटी एसिड गठिया के लक्षणों को कम करते हैं और अवसाद तथा याददाश्त कमज़ोर होने से बचाते हैं. पवलाप्पारई मछली में पाए जाने वाले पोषक तत्व हृदय रोग, जोड़ों की समस्याएं और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों को होने से रोकते हैं. ये मछली बेहद ही स्वादिष्ट होती है. पवलाप्पारई मछली स्थानीय बाज़ारों में प्रति 1 किलो 70 से 80 रुपये में बेची जाती है.

पवलाप्पारई मछली में मौजूद सैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की वजह से यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय के स्वास्थ्य में सुधार करती है. नियमित रूप से इस मछली का सेवन करने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक होने की संभावना कम हो जाती है.

कम वसा और प्रोटीन से भरपूर इस मछली का सेवन करने से शरीर का वजन कम होता है. साथ ही इसमें मौजूद पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम रक्तचाप को संतुलित करने में मदद करता है. हाथों और पैरों को प्रभावित करने वाली गठिया की समस्या को रोकने के लिए आवश्यक विटामिन B3 पवलाप्पारई मछली में पाया जाता है.