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Indore Police Unique Book: इंदौर ग्रामीण रेंज पुलिस ने एक ऐसी ही अनोखी किताब तैयार करवाई है, जिसमें 1000 से ज्यादा कुख्यात चोरों का ब्योरा है, जिसमें न केवल प्रदेश के भीतर अपराध करने वालों का, बल्कि बाहर जाकर वारदात करने वालों का भी पूरा हिसाब-किताब है.
आपने कभी सोचा है कि एक ऐसी भी किताब हो सकती है जिसमें सिर्फ और सिर्फ चोरों के अपराधों की कहानियां हों? जी हां, इंदौर ग्रामीण रेंज पुलिस ने एक ऐसी ही अनोखी किताब तैयार करवाई है, जिसमें उन कुख्यात चोरों का पूरा ब्यौरा दर्ज है, जो कई राज्यों में चोरी की बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं और अब तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

इस किताब में शामिल चोर सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि धार, अलीराजपुर, झाबुआ, इंदौर और आसपास के जिलों के अलावा दक्षिण भारत तक अपनी करतूतों के लिए बदनाम हैं. ये ऐसे अपराधी हैं जो मौका मिलते ही सूने घरों पर धावा बोलते हैं और चंद घंटों में माल समेत गायब हो जाते हैं.

इंदौर शहर और आसपास के जिलों में चोरी की वारदातें लंबे समय से पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं. ज्यादातर मामलों में चोर दूसरे जिलों से आते हैं और एक रात में कई घरों को निशाना बनाकर रफूचक्कर हो जाते हैं. इनके लिए ताले तोड़ना और घर खंगालना किसी खेल से कम नहीं.

किताब में दर्ज फेहरिश्त में ऐसे अपराधियों के नाम भी हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस ने इन चोरों की फोटो, आपराधिक रिकॉर्ड और राज्यों में दर्ज मामलों की जानकारी इकट्ठी कर इस किताब में शामिल की है.

सूची इतनी लंबी हो गई कि इसे पुलिस ने बकायदा एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित कराया. इसमें 1000 से ज्यादा कुख्यात चोरों का ब्योरा है, जिसमें न केवल प्रदेश के भीतर अपराध करने वालों का, बल्कि बाहर जाकर वारदात करने वालों का भी पूरा हिसाब-किताब है. इनमें देश के बड़े शहरों में चोरी की वारदात करने वाले कई चोर धार और अलीराजपुर जैसे ग्रामीण इलाकों से आते हैं.

इंदौर पुलिस ग्रामीण रेंज के आईजी अनुराग के मुताबिक, चोरी की घटनाओं में सबसे ज्यादा नाम धार के वेस्टर्न हिस्से और अलीराजपुर के अपराधियों का सामने आया है. बाकी जिलों के बदमाश भी इस लिस्ट में शामिल हैं. यह बुकलेट जोन के सभी जिलों में भेजी गई है, ताकि संदिग्ध को पहचानना आसान हो सके.

इस बुकलेट में 50 से अधिक चोर गिरोहों की जानकारी है. इनमें से कई गैंग मध्य प्रदेश से बाहर तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी सक्रिय हैं. किसी भी गिरोह के एक सदस्य की पहचान होने पर पुलिस सीधे उसके सरगना तक पहुंच सकती है और उसे पकड़ सकती है.
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