नोएडा के डाइट मंत्रा क्लीनिक की सीनियर डाइटिशियन कामिनी सिन्हा ने News18 को बताया कि जन्माष्टमी व्रत रखने से एक दिन पहले लोगों को इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. एक दिन पहले ही लोगों को ऑयली, फ्राइड और स्पाइसी खाना अवॉइड करना चाहिए. इसके बजाय हल्का, सुपाच्य और संतुलित आहार जैसे- खिचड़ी, फल या दही-चावल खाएं. इससे शरीर को जरूरी पोषण मिलेगा और अगले दिन व्रत के दौरान कमजोरी नहीं महसूस होगी. जन्माष्टमी वाले दिन पूजा-पाठ के बाद थोड़ा दूध, ड्राई फ्रूट्स या केला खा लें, ताकि शरीर को जरूरी एनर्जी मिल सके.
एक्सपर्ट के मुताबिक व्रत में फलाहार का विशेष महत्व होता है. आप केला, सेब, पपीता, अनार जैसे एनर्जी देने वाले फलों को फलाहार में खा सकते हैं. इसके अलावा मखाना, राजगिरा, सिंघाड़ा आटा, साबूदाना या समा के चावल से बनी खिचड़ी या परांठा भी अच्छा विकल्प है. इनसे आपको पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट मिलेगा जो शरीर को एनर्जी प्रदान करेगा. अगर आप दिनभर व्रत में कुछ नहीं खाते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है. कोशिश करें कि हर 3-4 घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाएं. इससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहेगा और चक्कर या सिरदर्द जैसी समस्याएं नहीं होंगी.
जन्माष्टमी का व्रत धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इस मौके पर व्रत रखना सभी के लिए ठीक नहीं होता है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट की समस्या या अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को जन्माष्टमी का व्रत रखने से बचना चाहिए. गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी उपवास से बचें, क्योंकि इससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा जिन लोगों में कमजोरी की समस्या हो, वे भी बिना डॉक्टर की सलाह के व्रत न रखें.