नमक की जगह क्या खा सकते हैं? ChatGPT ने शख्स को बताई ऐसी चीज, 3 महीने में पहुंच गया मेंटल हॉस्पिटल

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Dangers of AI for Medical Advice: एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने ChatGPT से नमक का विकल्प पूछा और उसकी सलाह पर सोडियम ब्रोमाइड लेना शुरू किया, जिससे वह मेंटली अनस्टेबल हो गया और हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा.

नमक की जगह क्या खा सकते हैं? ChatGPT ने शख्स को बताई ऐसी चीज, बन गया मरीजAI ने सोडियम ब्रोमाइड को ही सोडियम क्लोराइड का विकल्प बता दिया.
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल हर जगह होने लगा है. किसी भी सवाल का जवाब AI सेकंड्स में दे देता है. कई लोग तो खाने-पीने की चीजों के लिए भी AI का सहारा ले रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो AI से डाइट प्लान बनाकर फॉलो करना या किसी बीमारी का ट्रीटमेंट खुद करना जानलेवा हो सकता है. इस वक्त एक 60 साल के व्यक्ति का मामला पूरी दुनिया में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. उस शख्स ने ChatGPT से नमक का विकल्प पूछा, तो उसने कुछ ऐसा बता दिया, जिसे खाने के बाद व्यक्ति की मेंटल कंडीशन बिगड़ने लगी. तीन महीने बाद तो वह अजीबोगरीब बातें करने लगा. जब उसे मेंटल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, तो डॉक्टर्स ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया, जो सभी को जान लेना चाहिए.

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक 60 साल के शख्स ने टेबल साल्ट यानी सोडियम क्लोराइड को अपनी डाइट से हटाने का फैसला किया और ChatGPT से इस बारे में सुझाव मांगा. इस पर AI चैटबॉट ने सोडियम क्लोराइड के विकल्प के रूप में सोडियम ब्रोमाइड खाने का सुझाव दिया. सोडियम ब्रोमाइड एक केमिकल होता है, जो आमतौर पर पूल या साफ-सफाई में इस्तेमाल किया जाता है. इसे खाने-पीने में यूज नहीं किया जाता है. चैट जीपीटी की सलाह मानकर शख्स ने 3 महीनों तक नियमित रूप से सोडियम ब्रोमाइड का सेवन किया. इसकी वजह से वह रेयर मेडिकल कंडीशन ब्रॉमिज्म (Bromism) का शिकार हो गया. इसे ब्रोमाइड टॉक्सिसिटी भी कहा जाता है.
तीन महीने बाद शख्स की मेंटल कंडीशन बिगड़ने लगी और उसे कंफ्यूजन, बातचीत में परेशानी होने लगी. इतना ही नहीं, उसने दावा किया कि पड़ोसी उसे जहर दे रहे हैं और उसे पानी तक नहीं पीने दिया जा रहा. इन सब लक्षणों के बाद उसे मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर्स ने जांच की तो इलेक्ट्रोलाइट लेवल असामान्य पाया गया, जिससे ब्रॉमिज्म की पुष्टि हुई. वह मानसिक रूप से अनस्टेबल हो गया था. तीन हफ्तों के IV फ्लूड्स, इलेक्ट्रोलाइट थैरेपी और एंटीसाइकॉटिक ट्रीटमेंट लेने के बाद उसकी कंडीशन में सुधार होने लगा. जब एक्सपर्ट्स ने खुद ChatGPT से क्लोराइड का विकल्प पूछकर देखा, तो ब्रोमाइड भी सुझाव में शामिल था. इसके अलावा इसमें किसी तरह की चेतावनी या खतरनाक परिणाम के बारे में नहीं बताया गया था.

अब सवाल है कि ब्रॉमिज्म क्या है? ब्रॉमिज्म या ब्रोमाइड टॉक्सिसिटी अब एक रेयर कंडीशन बन चुकी है, लेकिन 19वीं और 20वीं सदी में यह समस्या कॉमन थी. 1970-80 के दशक में ब्रोमाइड को सिरदर्द, एंजायटी और नींद की दवाओं में इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि बाद में इसे हटा दिया गया. ब्रॉमिज्म में ब्रोमाइड शरीर में जमा होने लगता है और नर्वस सिस्टम के अलावा मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि ChatGPT जैसे AI सिस्टम सेहत से जुड़ी जानकारी आसानी से उपलब्ध करा सकते हैं, लेकिन सही रिफरेंस के बिना जानकारी देना खतरनाक हो सकता है. AI किसी भी स्वास्थ्य समस्या के डायग्नोसिस या ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं है. डॉक्टर्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके मरीज किस सोर्स से सेहत से जुड़ी जानकारी ले रहे हैं.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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नमक की जगह क्या खा सकते हैं? ChatGPT ने शख्स को बताई ऐसी चीज, बन गया मरीज

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