Dhataki plant Benefits: आयुर्वेद के खजाने में कई ऐसे औषधीय हर्ब्स और पौधे हैं, जो सेहत पर चमत्कारी असर करते हैं. इन्हीं पौधों में से एक है धातकी. इसे ‘धवई’ और ‘बहुपुष्पिका’ भी कहा जाता है. धातकी का पौधा देश के सभी राज्यों में आपको मिल जाएगा. ये पौधा बहुत अधिक पानी वाले क्षेत्रों, जैसे पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कम ही मिलता है. धातकी के फूलों, फल, जड़ और छाल का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है.
धातकी के फायदे (Dhataki paudhe ke fayde)4
-धातकी का वैज्ञानिक नाम ‘वुडफोर्डिया फ्रुटिकोसा’ है. ये एक झाड़ीदार पौधा है. इसकी शाखाओं और पत्तियों पर विशेष प्रकार के काले-काले बिंदुओं का जमघट होता है. इसके फूल चमकीले लाल रंग के होते हैं. फल पतले, अंडकार होते हैं. फल भूरे रंग के छोटे, चिकने बीजों से भरे होते हैं.
-अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने इसकी पत्तियों पर अध्ययन किया, जिसमें पाया गया है कि इनमें ऐसे रासायनिक तत्व मौजूद हैं, जो ल्यूकोरिया, इर्रेगुलर पीरियड्स, पेशाब में जलन और खून आने जैसी बीमारियों में फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
-रिसर्च के अनुसार, इसकी पत्तियों का इस्तेमाल बुखार, खांसी, गठिया, अल्सर और पशुओं में दूध बढ़ाने के लिए किया जाता है.
-चरक संहिता के अनुसार, धातकी को मूत्रवर्धक माना गया है. इसके अतिरिक्त, इसे आसव और अरिष्ट (आयुर्वेदिक औषधियां) बनाने में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. यह किण्वन प्रक्रिया में मदद करता है.
-इसी के साथ ही इसका सबसे अधिक उपयोग दस्त और पेचिश जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी किया जाता है। इसके फूलों का चूर्ण शहद या छाछ के साथ लेने से तुरंत आराम मिलता है. यह बार-बार शौच जाने की आदत को भी नियंत्रित करता है.
-सुश्रुत संहिता में इसे घाव और रक्तस्राव को रोकने के लिए उपयोगी बताया गया है. किसी भी घाव या चोट को ठीक करने और सूजन को कम करने के लिए इसके फूलों का चूर्ण लगाने से घाव जल्दी भर जाता है. इसके लेप से चोट और घाव जल्दी भरते हैं. हालांकि, इसका सेवन आप डॉक्टर की राय पर ही लेकर करें.
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