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भारत विविधताओं का देश है, जहां हर त्यौहार किसी न किसी खास पकवान से जुड़ा होता है. यही व्यंजन हमारी संस्कृति को जीवंत रखते हैं और क्षेत्रीय परंपराओं को संजोए रखते हैं. ऐसी ही एक खास मिठाई है घर में बनाई जाने वाली देसी गुझिया, जो केवल मिठाई नहीं बल्कि त्यौहार का अहम हिस्सा है और अवध की परंपरा का प्रतीक भी है. आइए जानते है कैसे तैयार होती है ये मिठाई…
स्थानीय निवासी ज्योति पाण्डेय ने बताया कि अवध में गुझिया बनाने का चलन बहुत पुराना है. यहां के लोग इसे पारंपरिक तरीके से तैयार करते हैं, इसकी खासियत है कि सही तरीके से स्टोर करने पर यह कई दिनों तक ताज़ा रहती है जिससे रोज़ाना इसके स्वाद का आनंद लिया जा सकता है.

गुझिया बनाने के लिए सबसे पहले 3 कटोरी मैदा या फिर आटा लें. उसमें पांच चम्मच देसी घी डालकर अच्छे से मिश्रित कर लें. फिर पानी डालकर आटा गूंथ लें और गीले कपड़े से ढककर रख दें.

स्टफिंग के लिए सूजी या फिर आटा को धीमी आंच पर भूनें, उसे तब तक भूनें जब तक कि भीनी सी सुगंध न आने लगे. सुगंध आने पर उसमें से उसे निकाल लें. उसके बाद इसमें सामान सही तरीके से मिश्रण करें.

उसमें एक कटोरी मावा, काजू, बादाम, घिसा नारियल और स्वादानुसार शक्कर डालकर मिक्स करें. अब उस रखे हुए आटे की छोटी-छोटी लोई बेल लें. गुझिया के सांचे या हाथों से आकार देकर उसमें एक-एक चम्मच स्टफिंग भरें.

अगर आप भी चाहते हैं कि आपके ओर से बनाई गई गुझिया कई दिनों तक चले तो तैयार गुझियों को गरम तेल में सुनहरा होने तक तलें. इसे ठंडा होने पर एयरटाइट डिब्बे में रख दें. इससे गुझिया कई दिनों तक चलेगी और जल्दी खराब नहीं होगी.

जब भी गुझिया में सूजी और अन्य सामग्री का मिश्रण करके उसको सांचे में बनाने लगें, तब सांचे के किनारों पर हल्का पानी लगाकर अच्छे से बंद करें ताकि तलते समय गुझिया फटे नहीं. इसके साथ एक फायदा और भी होता है कि गुझिया के अंदर भरा हुआ आइटम बाहर नहीं निकलता और गुझिया सुरक्षित तेल में तली जा सकती है.

अवध में कई परिवार त्योहार से कुछ दिन पहले ही गुझिया बनाकर रख लेते हैं ताकि मेहमानों को तुरंत परोसी जा सके. यह न सिर्फ़ स्वादिष्ट होती है बल्कि इसमें मौजूद मावा और मेवे ऊर्जा भी देते हैं. सावन में तो नाग पंचमी के पर्व या फिर कहीं-कहीं पूरे माह में अलग-अलग दिनों में लोग गुझिया बनाते हैं और बड़े चाव के साथ खाते हैं.

कई साल से अवध क्षेत्र की यह घर में तैयार की जाने वाली मिठाई लोगों की पहली पसंद रही है. हर त्योहार पर इसकी मांग बढ़ जाती है और लोग बाज़ार से ज़्यादा घर की बनी गुझिया को प्राथमिकता देते हैं.
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