जरूरत की खबर- भारतीयों के लिए ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस: क्या खाएं, क्या न खाएं, जानें औसतन 2000 कैलोरी का डेली हेल्दी डाइट प्लान

10 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

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आज के दौर में मिलावटी, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स ने लगभग हर घर में अपनी जगह बना ली है। इसकी वजह से बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 56.4% बीमारियों का संबंध सीधे तौर पर खराब खानपान से है। यह चिंताजनक आंकड़ा हमें अपनी सेहत के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।

इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ICMR ने भारतीयों के लिए कुछ डाइटरी गाइडलाइंस दी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को स्वस्थ, फिट और रोगमुक्त बनाना है। NIN के मुताबिक, संतुलित डाइट और नियमित एक्सरसाइज से हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा 80% तक कम किया जा सकता है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट वुमन की डाइट में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर

सवाल- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस में क्या सुझाव दिए गए हैं?

जवाब- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस यह बताती हैं कि एक स्वस्थ, सक्रिय और रोगमुक्त जीवन के लिए संतुलित व पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी है। ये गाइडलाइंस प्रेग्नेंसी, बचपन, किशोरावस्था और बुजुर्गों के अनुसार सही खानपान की आदतों को अपनाने पर जोर देती हैं।

इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज, बेस्ट फूड चॉइस और सही कुकिंग मेथड हमारी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। नीचे दिए गए ग्राफिक से ICMR की 17 डाइटरी गाइडलाइंस को ध्यान से समझिए-

सवाल- हेल्दी मील किसे कहते हैं और उसमें कौन-कौन से फूड शामिल होने चाहिए?

जवाब- ICMR के मुताबिक, एक हेल्दी मील में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में मौजूद होने चाहिए। यह संतुलन न सिर्फ शरीर को एनर्जी और बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है, बल्कि कई बीमारियों के रिस्क को भी कम करता है।

यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना लगभग 2,000 से 3,000 कैलोरी की जरूरत होती है, जो व्यक्ति की उम्र, लिंग, फिजिकल एक्टिविटी और हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करती है। नीचे दिए ग्राफिक में शाकाहारी लोगों के लिए 2000 कैलोरी की डाइट चार्ट देखिए-

सवाल- एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना कितनी मात्रा में नमक और चीनी खानी चाहिए?

जवाब- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस के मुताबिक, नमक और चीनी हमेशा सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए। इसके ज्यादा सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।

रोजाना कुल 5 ग्राम (एक चम्मच से भी कम) नमक का सेवन पर्याप्त होता है। इसमें छुपा हुआ नमक (प्रोसेस्ड फूड्स, नमकीन, अचार आदि) भी शामिल होता है। वहीं प्रतिदिन 25 से 30 ग्राम (लगभग 5-6 छोटी चम्मच) से अधिक चीनी नहीं खानी चाहिए। इसमें चाय-कॉफी, मिठाइयां, पैक्ड जूस और बिस्किट जैसी चीजों में मौजूद चीनी भी शामिल है।

सवाल- प्रेग्नेंट वुमन को डाइट के लिए क्या सलाह है?

जवाब- प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में रोजाना लगभग 350 कैलोरी ज्यादा की जरूरत होती है। इसलिए इस दौरान थोड़ा अधिक डाइट लेनी चाहिए। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि डाइट में फोलिक एसिड, आयरन, विटामिन B12, आयोडीन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व शामिल हों। सिर्फ डाइट बढ़ाने से फायदा नहीं है। इसमें सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी होने चाहिए।

सवाल- छोटे बच्चों की डाइट में किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है?

जवाब- जन्म से 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध ही देना चाहिए। इसके बाद उन्हें घर पर बना हुआ नरम और थोड़ा ठोस भोजन देना चाहिए। जैसेकि- मसली हुई दाल, हल्की खिचड़ी और उबली और पिसी हुई सब्जियां। ध्यान रखें सिर्फ पैकेज्ड बेबी फूड्स पर निर्भर रहना न्यूट्रिशन की दृष्टि से सही नहीं है।

सवाल- किशोरों और बीमार बच्चों की डाइट पर खास ध्यान देना क्यों जरूरी है?

जवाब- किशोरावस्था और बीमारी के समय शरीर की पोषण संबंधी जंरूरतें बढ़ जाती हैं। ये दोनों अवस्थाएं विकास और रिकवरी के लिए अहम होती हैं। इस समय मसल्स और टिश्यू की रिकवरी के लिए प्रोटीन, हड्डियों और खून के लिए आयरन-कैल्शियम और एनर्जी और ब्रेन के लिए गुड फैट की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए इस दौरान बच्चों के खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सवाल- क्या फिजिकल एक्टिविटी सिर्फ वजन कम करने में मददगार है?

जवाब- नहीं, फिजिकल एक्टिविटी का उद्देश्य केवल वजन घटाना नहीं है। यह पाचन, मेटाबॉलिज्म, मूड और पोषक तत्वों के अब्जॉर्प्शन को बेहतर बनाती है। ICMR के अनुसार, रोजाना कम-से-कम 30 मिनट की तेज वॉक से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है, कोलेस्ट्रॉल बेहतर होता है और मेंटल हेल्थ बेहतर रहती है।

सवाल- क्या बुजुर्गों को सिर्फ हल्का खाना ही देना चाहिए?

जवाब- नहीं, बुजुर्गों की भूख कम हो सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें सिर्फ खिचड़ी या हल्का भोजन दिया जाए। उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देना चाहिए। जैसेकि- दूध, दही, अंडे, पनीर, अंकुरित अनाज, मौसमी फल और हरी सब्जियां आदि। ध्यान रखें बुजुर्गों को खास देखभाल और सपोर्ट की जरूरत होती है क्योंकि उनकी शरीर ढलान की ओर पहुंच चुकी होती है।

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