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Harmful Effects of Stress: लंबे समय तक स्ट्रेस लेने से फिजिकल और मेंटल हेल्थ को गंभीर नुकसान होता है. ज्यादा टेंशन लेने से हार्ट डिजीज, डायबिटीज, डिप्रेशन, पाचन तंत्र की समस्याएं और इम्यूनिटी कमजोर होने का खतरा बढ़ता है. स्ट्रेस शरीर को अंदर ही अंदर खोखला कर देता है. तनाव से निपटने के लिए योग, ध्यान और हेल्दी लाइफस्टाइल का सहारा लेना जरूरी है.
आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल में तनाव (Stress) की समस्या हद से ज्यादा बढ़ गई है. अनहेल्दी लाइफस्टाइल, काम का दबाव, फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स और पर्सनल लाइफ की परेशानियों के चलते अधिकतर लोग स्ट्रेस का सामना कर रहे हैं. स्ट्रेस को लोग हल्के में लेते हैं, लेकिन यह लंबे समय तक बना रहे, तो शरीर के लिए साइलेंट किलर बन सकता है.

कार्डियोलॉजिस्ट की मानें तो ज्यादा स्ट्रेस लेने से दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. अत्यधिक तनाव से शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ जाता है. इससे दिल की बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

टाइप 2 डायबिटीज का एक रिस्क फैक्टर स्ट्रेस है. लगातार तनाव में रहने से इंसुलिन की संवेदनशीलता घट सकती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है. यही कारण है कि क्रॉनिक स्ट्रेस टाइप 2 डायबिटीज का एक बड़ा रिस्क फैक्टर बन चुका है. डायबिटीज के मरीज जब स्ट्रेस लेते हैं, तब उनका शुगर लेवल फ्लक्चुएट करने लगता है.

मानसिक बीमारियों में तनाव का सबसे बड़ा योगदान होता है. लगातार चिंता, नेगेटिव थिंकिंग और इमोशनल अनस्टेबिलिटी आपको डिप्रेशन और एंजायटी की ओर धकेल सकती है. यह मानसिक स्थिति न केवल सोचने-समझने की क्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी खराब कर देती है. मेंटल प्रॉब्लम्स की सबसे बड़ी जड़ तनाव है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि गैस्ट्रिक और पेट की समस्याओं का कारण भी हद से ज्यादा स्ट्रेस हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो स्ट्रेस का सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ता है. इससे एसिडिटी, अल्सर, अपच और इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी पेट की समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए स्ट्रेस से बचना चाहिए.

ज्यादा टेंशन लेने से हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है. ज्यादा स्ट्रेस इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है. नतीजा आप बार-बार बीमार पड़ सकते हैं. इम्यूनिटी कमजोर होने से सभी बीमारियों का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.

तनाव के कारण नींद पूरी नहीं होती है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और मानसिक थकावट महसूस होती है. नींद की कमी से शरीर की मरम्मत की प्रक्रिया बाधित होती है और दिनभर सुस्ती बनी रहती है. अगर आप तनाव कम कर देंगे, तो इससे नींद बेहतर आएगी और आपका शरीर थका हुआ महसूस नहीं करेगा.

अब सवाल है कि स्ट्रेस से कैसे निपटा जाए? इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि तनाव को कम करने के लिए नियमित व्यायाम, मेडिटेशन, अच्छी नींद, हेल्दी डाइट और समय पर ब्रेक लेना जरूरी है. जरूरत पड़ने पर किसी विशेषज्ञ की सलाह भी लेनी चाहिए. तनाव को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.