Rupee vs Dollar: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूएस-इंडिया ट्रेड डील को लेकर धमकी और भारतीय सामानों पर टैरिफ की सीमा बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने के बावजूद रुपये पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, शेयर बाजार में गिरावट और निर्यातकों के मन में भारी संशय के बावजूद शुक्रवार को रुपये में मजबूती देखी गई.
भारतीय रुपये में तेजी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार के दौरान भारतीय रुपया 15 पैसे मजबूत होकर 87.56 के स्तर पर खुला. एक दिन पहले रुपया 87.71 पर कारोबार करते हुए बंद हुआ था. हालांकि, इस वित्तीय वर्ष के दौरान रुपये में 2.45 प्रतिशत का अवमूल्यन हुआ है. आरबीआई की ओर से रुपये को स्थिर बनाए रखने के लिए डॉलर की खरीद-फरोख्त जैसे कदम उठाए जा रहे हैं. गुरुवार को रुपया 87.66 से लेकर 87.77 के बीच बना रहा.
रुपये पर भारी दबाव
फिनरेक्स एडवाइजर्स एलएलपी के हेड ऑफ ट्रेजरी एवं कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली का कहना है कि इस समय भारतीय रुपये पर काफी दबाव है, लेकिन केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप और भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन के कारण इसका सीमित असर देखने को मिल रहा है. उनका कहना है कि व्यापारिक वार्ताएं, वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू मौद्रिक नीति का सीधा प्रभाव देश की मुद्रा पर पड़ता है.
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स गिरकर 98.141 पर आ गया, जबकि एक दिन पहले यह 98.40 पर बंद हुआ था. गौरतलब है कि अमेरिका और भारत के बीच अब तक व्यापारिक वार्ताएं विफल रही हैं. रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के संदर्भ में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से किसी भी प्रकार की बातचीत से इनकार कर दिया है. इसके चलते दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में खटास और अधिक बढ़ गई है.
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