सोंठ में मौजूद पोषक और औषधीय तत्वों की बात करें तो, यह पाउडर पोषण का भंडार है. अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन ए और विटामिन सी जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा, इसमें मौजूद जैविक तत्व जैसे जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल शरीर को भीतर से मजबूत बनाने में मदद करते हैं. ये तत्व न केवल पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं, बल्कि शरीर में होने वाली सूजन को कम करने, दर्द से राहत दिलाने और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम भी करते हैं.
सोंठ की तासीर गर्म मानी जाती है, इसलिए इसका सेवन विशेष रूप से ठंड और बरसात के मौसम में फायदेमंद रहता है. आयुर्वेद के अनुसार, सोंठ त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करती है, विशेषकर वात और कफ को शांत करने का काम करती है. सर्दियों में सोंठ वाली चाय या काढ़ा शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के साथ गर्माहट भी देता है. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं में सोंठ का सेवन बेहद लाभकारी माना गया है. अगर IBS को नजरअंदाज किया जाए तो कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में सोंठ को घी और मिश्री के साथ भोजन के बाद लिया जाए, तो यह आंतों की मरोड़, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को भी दूर करता है.
मानसून के दौरान होने वाले सर्दी, बुखार, गले की खराश, फ्लू जैसी समस्याओं से भी सोंठ बहुत प्रभावी रूप से लड़ती है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण इसे एक प्राकृतिक प्रतिरोधक बनाते हैं. अगर आप रोजाना सोंठ का पानी या सोंठ मिला गर्म पानी पीते हैं, तो यह आपकी इम्यूनिटी को धीरे-धीरे बेहतर करता है और आपको बार-बार बीमार पड़ने से बचा सकता है.