यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या-क्या दिक्कतें
यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे पहले असर जोड़ों पर होता है. घुटनों, एड़ियों, पैरों के अंगूठे या उंगलियों में दर्द, सूजन, जलन, अकड़न और चलने-फिरने में परेशानी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. इस स्थिति को गठिया कहा जाता है. समय रहते ध्यान न देने पर यूरिक एसिड किडनी स्टोन, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है. ऐसे में सवाल आता है कि यूरिक एसिड को कंट्रोल कैसे करें?
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब हम जो खाना खाते हैं, उसमें मौजूद प्यूरिन नाम के तत्व टूटते हैं. प्यूरिन मांस, मछली, दालें, मशरूम, पालक, चाय, कॉफी, शराब और कुछ खास तरह की चीजों में पाया जाता है.
यूरिक एसिड कैसे करें कंट्रोल
यूरिक एसिड कंट्रोल करने का सबसे आसान और असरदार तरीका है अपने खान-पान और जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करके. सबसे पहले हमें ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए जिनमें प्यूरिन ज्यादा हो. तले-भुने, मसालेदार और बहुत ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन से भी दूरी बनानी चाहिए. इसकी जगह हल्का और संतुलित खाना खाएं. हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, फाइबर युक्त चीजें और विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, आंवला, और अमरूद को अपने आहार में शामिल करें. पानी पीना बहुत जरूरी है. दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि शरीर से यूरिक एसिड आसानी से बाहर निकल सके. साथ ही, नारियल पानी, नींबू पानी और हल्का गर्म पानी पीना भी फायदेमंद होता है.
कुछ घरेलू नुस्खे भी यूरिक एसिड को घटाने में मदद कर सकते हैं, जैसे एक चम्मच अजवाइन रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पीना. वहीं एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर दिन में दो बार पीना. इसके अलावा, आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक-दो बार लेना या फिर कच्चा पपीता उबालकर उसका पानी पीना भी यूरिक एसिड में लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा, रोजाना व्यायाम करना भी बहुत जरूरी है. खासकर पैदल चलना, हल्की स्ट्रेचिंग या साइक्लिंग से शरीर की चर्बी कम होती है और यूरिक एसिड भी नियंत्रित रहता है. मोटापा भी यूरिक एसिड बढ़ने का एक कारण होता है, इसलिए वजन पर भी ध्यान देना जरूरी है. अगर यूरिक एसिड बहुत ज्यादा बढ़ गया हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जांच कराएं. इनपुट-आईएएनएस