ओटावा: कनाडा के उत्तरी क्षेत्र में एक बड़ा खतरा धीरे-धीरे आकार ले रहा है. जिस Tintina फॉल्ट को अब तक शांत और निष्क्रिय माना जाता था, वो असल में भयंकर भूकंप का संकेत दे रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ विक्टोरिया, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ कनाडा और यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के वैज्ञानिकों ने इस फॉल्ट में भूकंपीय हलचलों के साफ संकेत खोज निकाले हैं. Tintina फॉल्ट करीब 1,000 किलोमीटर लंबा है और ये अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में मौजूद खतरनाक San Andreas Fault जैसा है. नए रिसर्च से पता चला है कि इसमें पिछले 12,000 साल से भूकंपीय ऊर्जा जमा हो रही है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये किसी भी समय 7.5 तीव्रता या उससे अधिक का भूकंप ला सकता है.
75 मीटर तक खिसकी जमीन
नई तकनीकों से हुई इस रिसर्च में सैटेलाइट और ड्रोन से लिए गए हाई-रेज़ोल्यूशन डेटा का इस्तेमाल किया गया. इसमें फॉल्ट स्कार्प्स, यानी जमीन की सतह पर उभरी दरारें और गड्ढे मिले हैं, जो पिछले बड़े झटकों की निशानी हैं. Lidar तकनीक से पता चला कि कुछ स्थानों पर जमीन 75 मीटर तक खिसकी हुई है.
सबसे डरावनी बात यह है कि यह फॉल्ट अब भी कनाडा के नेशनल सेस्मिक हैज़र्ड मॉडल में शामिल नहीं है. यानी वहां के भवन निर्माण कोड, ज़ोनिंग रेगुलेशन और इमरजेंसी प्लानिंग में इसे अभी तक खतरे के तौर पर नहीं देखा गया.
बड़ा भूकंप आया तो…
Tintina फॉल्ट Dawson City के बेहद करीब है. यह शहर भले ही ऐतिहासिक गोल्ड रश के लिए जाना जाता हो, लेकिन वहां के घर और संरचनाएं भूकंपरोधी नहीं हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि एक बड़ा झटका आसपास के इलाकों में भूस्खलन भी ला सकता है, जिससे नदियों का रास्ता बदल सकता है और जनजीवन ठप हो सकता है.
अब कनाडा की सरकार Tintina फॉल्ट को राष्ट्रीय खतरे के तौर पर मानने की तैयारी कर रही है. इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जाएगा, ज़ोनिंग प्लान बदले जाएंगे और आपदा प्रबंधन की नई रणनीति बनेगी.
स्थानीय आदिवासी समुदायों को भी इस रिसर्च की जानकारी दी गई है, ताकि वे अपनी तैयारियां शुरू कर सकें. विशेषज्ञों की चेतावनी साफ है कि यह फॉल्ट बहुत समय से चुप है, अब ज्यादा दिन शांत नहीं रहेगा.
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