मेरी उम्र 25 साल है, क्या मुझे अभी कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए, कार्डियोलॉजिस्ट का जवाब जान लीजिए

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First time cholesterol check: हार्ट अटैक का सबसे बड़ा दुश्मन हाई कोलेस्ट्रॉल है. लेकिन सवाल है कि कोलेस्ट्रॉल की जांच किस उम्र से करनी चाहिए. इस बारे में कार्डियोलॉजिस्ट ने बहुत महत्वपूर्ण सलाह दी है.

पहली बार कब कोलेस्ट्रॉल चेक कराएं.

हाइलाइट्स

  • हर व्यक्ति को कितने वर्ष की उम्र में कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए.
  • रिपोर्ट सामान्य आने पर अगली जांच 4-6 साल बाद करवाई जा सकती है.
  • हाई कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते.
First time cholesterol check: आजकल अधिकांश युवाओं में हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं. पहले के जमाने में हार्ट अटैक या हार्ट से संबंधित बीमारियां अक्सर 50 के बाद ही होते थे लेकिन अब नए जमाने में 20-25 साल के युवाओं में हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट होने लगे हैं. ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि कोलेस्ट्रॉल की जांच किस उम्र से करानी शुरू कर देनी चाहिए. चूंकि कोलेस्ट्रॉल जब किसी को होता है तो इसका पता नहीं लगता. सालों तक यह अपना खेल धमनियों में करता रहता है और एक दिन अचानक धमनियों को फाड़ देता है जिसके कारण हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आ जाता है. ऐसे में किस उम्र से कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए

टीओआई की खबर के मुताबिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नवीन भामरी ने अपने इंस्टाग्राम पर बताया कि हर व्यक्ति को 20 वर्ष की उम्र में एक बार फास्टिंग लिपिड प्रोफाइल के जरिए कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर करवानी चाहिए. यानी 20 की उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच शुरू कर दें. अगर रिपोर्ट सामान्य आती है तो अगली जांच 4 से 6 साल बाद करवाई जा सकती है. हालांकि जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हृदय रोग, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या मोटापे का इतिहास है उन्हें यह जांच पहले और नियमित रूप से करवानी चाहिए. शुरुआती जांच से संभावित समस्याओं को समय रहते पकड़ा जा सकता है. इससे हृदय को होने वाले स्थायी नुकसान या गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है.
कोलेस्ट्रॉल का पता क्यों नहीं चलता
हाई कोलेस्ट्रॉल की सबसे खतरनाक बातों में से एक यह है कि शुरुआती चरणों में इसके कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते. इसका मतलब है कि कई लोगों को तब तक इसका पता नहीं चलता जब तक वे किसी गंभीर हृदय संबंधी समस्या का शिकार नहीं हो जाते. जब कोलेस्ट्रॉल बहुत बढ़ जाता है तब सीने में दर्द या असहजता और आंखों या जोड़ों के पास फैटी डिपॉज़िट्स हो जाता है जिन्हें ज़ैंथोमास कहा जाता है. इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ या थकान, हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन जैसे लक्षण भी सामने आते हैं. चूंकि ये लक्षण तब आते हैं जब शरीर में काफी अधिक ब्लॉकेज हो चुका होता है. इसलिए कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच ही आपके स्तर पर नज़र रखने का सबसे विश्वसनीय तरीका है.

युवाओं के लिए हार्ट हेल्थ टिप्स
अगर आप चाहते हैं कि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या न हो तो आज से अनहेल्दी खाना छोड़ दीजिए. ज्यादा तेल वाली चीजें, फास्ट फूड, पिज्जा, बर्गर, चीज, बटर, मोमोज, नूडल्स, मैदा से बनी चीजें आदि छोड़ दें. इसकी जगह संतुलित आहार लें जिसमें फाइबर, साबुत अनाज, फल और सब्जियां भरपूर हों. ट्रांस फैट, प्रोसेस्ड फूड और अधिक मात्रा में रेड मीट से बचें. रेगुलर एक्सरसाइज करें. हफ्ते में कम से कम 5 दिन, हर दिन 30 मिनट का मध्यम स्तर का फिजिकल एक्टिविटी करें. तनाव को योग, मेडिटेशन या थेरेपी से नियंत्रित करें. धूम्रपान न करें और शराब का सेवन सीमित करें. नींद को प्राथमिकता दें. हर रात 7 से 9 घंटे की नींद लें. सालाना हेल्थ चेकअप कराएं, भले ही आप पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हों. इन आदतों को शुरू से अपनाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है और भविष्य की हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव होता है.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें

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मेरी उम्र 25 साल है, क्या मुझे अभी कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए

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