Last Updated:
Sehore Stampede: प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को अचानक भगदड़ मच गई. दो महिलाएं मर गईं. जाहिर है, कुबेरेश्वर धाम में भीड़ तो खूब होगी. इन तस्वीरों को देख आपका सिर घूम जाएगा…
मध्य प्रदेश में सीहोर जिले के प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को अचानक भगदड़ मच गई. भक्तों की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से दर्दनाक घटना हो गई. भीड़ में धक्का-मुक्की के बीच दबने के कारण दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए हैं.

भगदड़ में सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. हालांकि, अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वहीं, पुलिस के अनुसार, रुद्राक्ष वितरण के समय ये घटना घटी है.

पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में दर्शन के दौरान भीड़ के दबाव के कारण भगदड़ मची है. बताया जा रहा है कि भीड़ में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी. भगदड़ मचते ही पूरे इलाके में चीखपुकार मच गई. सावन महीने के कारण भी कुबेश्वर धाम में सामान्य से बहुत ज्यादा भीड़ चल रही है.

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया. घटना के बाद कुबेरेश्वर धाम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कल बुधवार को कुबेरेश्वर धाम से चितवलिया तक कावड़ यात्रा निकालने वाले है. इस कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ एक दिन पहले धाम पहुंची है.

अत्यधिक भीड़ के पहुंचने से धाम के भंडारे, ठहरने की जगह और दर्शन के दौरान जगह कम पड़ने से भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. देखते ही देखते धाम में अफरा- तफरी का माहौल बन गया और कई लोग भीड़ की चपेट में आकर घायल हो गए. दो लोगों के मारे जाने की सूचना है.

बताया यह भी जा रहा है कि धाम में करीब चार हजार लोगों के खाने, ठहरने की व्यवस्था अलग-अलग स्थलों पर की गई थी, लेकिन भीड़ एक दिन पहले ही धाम पहुंच गई. जिससे व्यवस्थाएं बिगड़ गईं.

हालांकि, कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले 16 फरवरी साल 2023 में भी रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मची थी. तब एक महिला की मौत हो गई थी. इस भगदड़ में 4 लोग लापता भी हुए थे. इसके बाद दूसरे दिन 17 फरवरी को एक 3 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन को रुद्राक्ष महोत्सव रोकना पड़ा था.
.