रास्ते भर हर-हर महादेव और भोलेनाथ के जयकारों से शहर गूंजता रहा. पत्रकारों ने कंधों पर गंगाजल से भरी कावड़ उठाकर शहर की गलियों से गुजरते हुए लोगों को आस्था और एकता का संदेश दिया. मोहन जोशी घोड़े पर सवार थे और प्रवीण पाल भोलेनाथ का रूप धारण कर आगे-आगे चल रहे थे, जो विशेष आकर्षण का केंद्र थे. साउंड सिस्टम पर बजते भक्ति गीतों पर पत्रकारों ने खूब उत्साह के साथ नाचते-गाते हुए यात्रा पूरी की.
इस भक्ति यात्रा में कई सामाजिक संगठनों ने भी अपनी भागीदारी निभाई. जगह-जगह श्रद्धालुओं और दुकानदारों ने कावड़ियों पर पुष्पवर्षा की और सेवा स्टॉल लगाकर जल, शरबत, फल और नाश्ते की व्यवस्था की. झंडा चौक, सराफा बाजार, कलेक्टोरेट, नवग्रह पुल जैसे तमाम प्रमुख मार्गों से होकर जब कावड़ यात्रा गुज़री, तो हर जगह भक्तों का उमड़ा प्यार साफ नज़र आ रहा था. यह यात्रा अब पूरे शहर का आयोजन बनती जा रही है.
मेलडेरेश्वर महादेव मंदिर में अभिषेक
कावड़िए पत्रकारों ने दोपहर में मेलडेरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक किया, आरती की और नगर की सुख-शांति, बारिश और समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना की. इसके बाद एनवीडीए रेस्ट हाउस पर सभी के लिए प्रसादी का आयोजन किया गया, जहां सभी पत्रकार, सहयोगी और आम लोग एक साथ बैठकर भोजन का आनंद लेते दिखे.
देश के लिए बनेगी मिशाल
बता दें कि, खरगोन की यह पत्रकार कावड़ यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एकता, भाईचारा और समर्पण की मिसाल बन गई है. इसमें धर्म, जाति, उम्र या पद का कोई भेद नहीं दिखता. एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर सब साथ चलते है. पत्रकारों ने कहां कि, आने वाले वर्षों में यह यात्रा सिर्फ खरगोन ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल बनेगी.
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