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Cat scratches disease: अगर आपकी बिल्ली आपको खेलते-खेलते स्क्रैच कर लें तो क्या इससे बीमारियां होंगी. अगर आप नहीं जानते तो जान लीजिए.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजी सलाहकार डॉ. पी. एन. रंजन बताते हैं कि यह बीमारी आमतौर पर खरोंच के स्थान के पास लिम्फ नोड्स (गांठों) की सूजन, बुखार और थकान के रूप में दिखाई देती है. हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं का कारण बन सकती है. जैसे कि एन्सेफैलोपैथी, जिसमें भ्रम, दौरे (सीज़र्स), तेज़ सिरदर्द और याद्दाश्त की समस्याएं जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि कैट स्क्रैचेज डिजीज के अधिकतर मामले हल्के और खुद ही ठीक हो जाने वाले होते हैं, लेकिन इसके लिए सतर्कता जरूरी है. अगर इसके लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि इसकी गंभीरता का सामना न करना पड़े. अगर यह बीमारी आगे बढ़ी तो एन्सेफैलोपैथी नामक जटिलता उत्पन्न होती है. यह बैक्टीरिया मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति बदल जाती है और अन्य गंभीर लक्षण दिख सकते हैं. समय पर पहचान और शीघ्र इलाज ऐसे मामलों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए बेहद आवश्यक होता है.
डॉ. रंजन बताते हैं कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनके लिए यह बीमारी गंभीर बन सकती है. इसलिए ऐसे लोग बिल्लियों के साथ ज्यादा उग्र खेल से बचें. खासकर बिलौटे (किटन) से, क्योंकि उनमें बार्टोनेला हेंसली बैक्टीरिया के होने की आशंका अधिक होती है. इसके साथ ही पर्सनल हाइजीन का ख्याल रखें. बिल्लियों को छूने के बाद हाथ अच्छी तरह धोएं और यदि खरोंच या काटने की घटना हो जाए, तो उस स्थान को साबुन और पानी से तुरंत साफ करें. पालतू जानवरों में पिस्सुओं को नियंत्रित करें. पिस्सू, बिल्लियों में इस बैक्टीरिया के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
कब डॉक्टर को दिखाएं
यदि बिल्ली की खरोंच या काटने के बाद लगातार बुखार, लिम्फ नोड्स की सूजन या कोई न्यूरोलॉजिकल समस्या जैसे असामान्य लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. रक्त जांच के माध्यम से बीमारी की पुष्टि की जाती है और आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जाता है ताकि जटिलताओं को रोका जा सके और रोगी की शीघ्र रिकवरी हो सके. कैट स्क्रैच डिजीज से बचाव और उसका सही समय पर इलाज तभी संभव है जब आपको इस बात की जानकारी हो यह बीमारी बिल्लियों से हो सकती है.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें
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