सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त 2025 को है. ऐसे में इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करना ही चाहिए.
जलाभिषेक की विधि
स्नान और शुद्धि
सबसे पहले स्वयं स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और मानसिक रूप से शांत हो जाएं.
पूजन सामग्री तैयार करें
- शुद्ध जल (गंगा जल हो तो श्रेष्ठ)
- बेलपत्र
- दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (यदि रुद्राभिषेक करना हो तो)
- धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप-दीप
- पंचामृत वैकल्पिक
शिवलिंग को स्वच्छ करें
पहले जल से शिवलिंग को धो लें.
जलाभिषेक करें
कांस्य या तांबे के लोटे से शिवलिंग पर धीरे-धीरे जल अर्पित करें और साथ में “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का जाप करें.
अन्य सामग्रियों का अर्पण
क्रमशः दूध, दही, घी, शहद, शक्कर चढ़ाएं. फिर से शुद्ध जल से स्नान कराएं. फिर बेलपत्र, पुष्प, धतूरा आदि अर्पित करें.
चंदन और दीपक
शिवलिंग पर चंदन लगाएं, धूप-दीप जलाएं.
आरती और प्रार्थना
शिव आरती करें- जैसे “ॐ जय शिव ओंकारा…” और फिर अपनी मनोकामनाएं कहें.
प्रसाद वितरण
पूजा पूर्ण होने पर भगवान शिव से क्षमा याचना करें और प्रसाद वितरित करें.
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