8 महीने की दौड़, 10 हजार की डिमांड और फिर लोकायुक्त का जाल, कैसे कलेक्टर ऑफिस का बाबू फंसा रिश्वत केस में

तारीख 24 जुलाई 2025, समय करीब 12 बजे कलेक्टर ऑफिस के कैम्पस स्थित लोकसेवा प्रबंधन ऑफिस से एक शख्स आता है. ये शख्स डाटा एंट्री ऑपरेटर से कहता है कि आपकी डिमांड पूरी कर रहा हूं. फिर डाटा एंट्री ऑपरेटर कहता है दराज में 10 हजार रुपए रख दो. इसके बाद कुछ लोग आरोपी को धर दबोचती है और पूरे कैम्पस में हड़कंप मच जाता है. फिर पता चलता है कि लोकायुक्त की टीम का छापा पड़ा है. दरअसल, लोकायुक्त की टीम शिकायत मिलती है कि लोकसेवा प्रबंधन में कार्यरत शख्स संचालक से पैसे की डिमांड करता है. इसके बाद लोकायुक्त एक जाल बुनता, जिसमें डाटा ऑपरेटर रिश्वत लेते रंगे फंस जाता है.

लोकल 18 ने इसके पीछे की पूरी कहानी समझने की कोशिश की. पढ़िए कलेक्टर कार्यालय में पल रहे भ्रष्टाचार की पूरी कहानी…

सबसे पहले जानिए क्या है पूरा मामला
जिले के कटंगी विकासखंड में एसडीएम ऑफिस के पास एक लोकसेवा केंद्र है, जिसका संचालन साल 2019 से अनुसया सुलकिया कर रही है. इसके बाद अचानक अक्टूबर 2024 में लोकसेवा केंद्र की आधार आईडी डिएक्टिवेट हो जाती है. इसे फिर से एक्टिवेट करने के लिए संचालक ने शैलेंद्र हरिनखेड़े के नाम से 7 नवंबर 2024 को कलेक्टर कार्यालय स्थित लोकसेवा प्रबंधक के दफ्तर में आती है. इसके बाद शुरू होता है लोकसेवा केंद्र संचालक को परेशान करने का सिलसिला.

आधार आईडी एक्टिवेट करवाने 8 महीने दर्जनों चक्कर
आधार आईडी एक्टिवेट करने के लिए उन्होंने दफ्तर में एक या दो नहीं बल्कि आठ महीने में करीब दर्जनों बार दफ्तर के चक्कर काटने पड़े. इसके बावजूद जिम्मेदारों ने आधार आईडी एक्टिवेट नहीं की गई.  आवेदक का कहना है कि लोकसेवा केंद्र कटंगी के साथ ही किरनापुर के लोकसेवा केंद्र की आईडी डिएक्टिवेट हुई थी. वह तो तत्काल शुरू हो गई लेकिन उनके आवेदन को बार-बार कुछ न कुछ कमी बताकर मना किया जाता था. इस बीच ही संचालक से खुले तौर पर पैसे मांगे जाने लगे. कहने लगा अपने लिए नहीं ऊपर के अधिकारियों के पैसे देने पड़ते हैं. वहीं, आवेदक मिहिर चंद सुलकिया ने लोकायुक्त में शिकायत करने का फैसला किया. इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने आरोपी को रंगे हाथ 10 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया.

लोकायुक्त की टीम ने किया रंगेहाथ गिरफ्तार
आवेदक ने लोकायुक्त एसपी को मामले की शिकायत की. इसके बाद जबलपुर से लोकायुक्त 8 सदस्य बालाघाट कलेक्टर कार्यालय में पहुंचे. फिर शिकायत की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने एडीएम स्टेनो कक्ष में उन्हें रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. अब उन पर भ्रष्टाचार निवारण के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. बताया जाता है कि कलेक्टर कार्यालय में यह पहला मामला है, जब प्रशासन के एक विभाग और प्रशासनिक अधिकारी के अधीनस्थ कर्मचारी को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त टीम में निरीक्षक जितेन्द्र यादव, आरक्षक अतुल श्रीवास्तव, विजय विष्ठ, पुणित सिंह और राकेश मौजूद थे.

लोकसेवा प्रबंधक ने कलेक्टर को दी झूठी जानकारी!
आवेदक मिहिर चंद सुलकिया ने लोकल 18 को बातचीत में बताया कि करीब महीने भर पहले लोकसेवा की मीटिंग में ऑपरेटर शैलेंद्र हरिनखेड़े कलेक्टर कार्यालय आए थे. उस दौरान उन्होंने कलेक्टर साहब को आधार आईडी के बंद होने की बात बताई. इसके बाद कलेक्टर लोकसेवा प्रबंधक से पुछते हैं कि आधार आईडी बंद क्यों है. इस पर लोकसेवा प्रबंधक अनिल लिल्हारे ने बताया कि उनकी आईडी प्रोसेस में चल रही है. जबकि आवदेक ने बताया कि वह नवंबर से दफ्तर के चक्कर लगा रहे है.

इतना कुछ होने पर भी आईडी एक्टिवेट करने से इनकार
आवेदक मिहिर चंद सुलकिया ने लोकल 18 को बताया कि अनिल लोकसेवा प्रबंधक अनिल लिल्हारे का कहना है ऑपरेटर के दस्तखत न होने से लोकसेवा कटंगी के लिए परसवाड़ा के किसी शख्स का नाम रिकमंड किया जा रहा है.

लोक सेवा केंद्र कटंगी में आधार सेवा ठप 
आपको बताते चले कि लोकसेवा केंद्र में तमाम दस्तावेज तैयार होते हैं, जो सरकारी योजना के लाभ के लिए जरूरी होते हैं. इसमें किसान लोग नक्शा खसरा तैयार करते हैं. लोकसेवा केंद्र में आय, जाति, मूल निवासी प्रमाण पत्र बनते हैं. इसके अलावा पेंशन से जुड़े काम भी यहीं होते हैं. वहीं, लोकसेवा केंद्र में आधार कार्ड भी बनते हैं. इसके अलावा आधार में कोई जानकारी गलत हो या बायोमेट्रिक से जुड़ा काम हो तो संशोधन भी होता है. शासकीय होने की वजह से आम लोगों से प्रोसेसिंग फीस बहुत कम लगती है. वहीं, लोग जब प्राइवेट सेंटर की ओर जाते हैं, तो उनसे ज्यादा रकम वसूली जाती है. ऐसे में कटंगी विकासखंड के नागरिकों को समस्या का सामना करना पड़ता है.

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