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Khargone News: यात्रा संयोजक और महेश्वर के विधायक राजकुमार मेव ने लोकल 18 से कहा कि यह यात्रा 15 साल से लगातार निकल रही है. महेश्वर विधानसभा की खुशहाली और मंगलकामना के उद्देश्य से हर वर्ष यात्रा निकलती है. पिछल…और पढ़ें
शनिवार सुबह 10 बजे महेश्वर के नर्मदा घाट से यात्रा की शुरुआत हुई. जय भोलेनाथ और बोल बम के जयघोष से पूरा तट भक्तिमय हो उठा. घाट पर कांवड़ियों ने पहले पूजन किया और संतों ने धर्मसभा को संबोधित किया. फिर कांवड़ियों ने नर्मदा जल भरा और कंधे पर कांवड़ उठाकर ओंकारेश्वर के लिए रवाना हुए. इस साल यात्रा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्र साधना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘पंच प्रण’ (सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य) को समर्पित किया गया है.
यात्रा मार्ग में पौधारोपण
यात्रा संयोजक और महेश्वर विधायक राजकुमार मेव ने लोकल 18 को बताया कि यह यात्रा 15 वर्षों से लगातार निकल रही है. महेश्वर विधानसभा की खुशहाली और मंगलकामना के उद्देश्य से हर साल यात्रा निकलती है. बीते वर्षों में यात्रा मार्ग पर सैकड़ों पौधे लगाए गए थे, जो अब बड़े वृक्ष बन चुके हैं और यात्रियों को छांव और विश्राम का स्थान दे रहे हैं. इस साल भी पूरे मार्ग में पौधारोपण करेंगे.
वहीं इस बार यात्रा को राष्ट्र साधना से जोड़ा गया है. हर कांवड़ियां पंच प्रणों की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है. सफाई और अनुशासन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. यात्रा के गुजरते ही स्वयंसेवक रास्ते की साफ-सफाई कर रहे हैं, जिससे स्वच्छता का संदेश जाए. कांवड़ यात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम में कई संत और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. इनमें सद्गुरु अवधूत टाटम्बरी सरकार (नावघाटखेड़ी, बड़वाह), स्वामी पूर्णानंदजी महाराज (अमलझुमा आश्रम, कुक्षी) और काशी महाराज (महेश्वर) ने कांवड़ियों को आशीर्वाद दिया.
पाटीदार धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था
यात्रा प्रभारी हरिप्रसाद अग्रवाल ने लोकल 18 को बताया कि महेश्वर से निकली यह यात्रा शनिवार रात पहले पड़ाव कतरगांव पहुंचेगी, जहां श्रद्धालुओं के लिए पाटीदार धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था की गई है. रात में यहां एक भव्य भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें निमाड़ी के लोकप्रिय गायक उमेश प्रजापत भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे. रविवार को यात्रा बड़वाह कृषि उपज मंडी पहुंचेगी, जो दूसरा पड़ाव होगा. फिर सोमवार को यात्रा अपने अंतिम पड़ाव ओंकारेश्वर पहुंचेगी, जहां सभी श्रद्धालु नर्मदा जल से भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करेंगे.
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