भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा में भारतीय स्टाम्ग (मत्र संशोधन), जीएसटी (संशोधन), रजिस्ट्रीकरण (मत्र संशोधन) और भारतीय स्टाम्प (मप्र द्वितीय संशोधन) विधेयक पारित किए गए. शपथपत्र, पावर ऑफ एटॉनी, एग्रीमेंट, दान पत्र जैसे 12 दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क अब बढ़ा दिया गया है. सरकार ने भारतीय स्टांप (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 के तहत कई कागजी प्रोसेस पर लगने वाला शुल्क को 100 फीसदी से लेकर 400 फीसदी तक बढ़ा दिया है. हालांकि इस फैसले का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया और कहा कि इससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. तो वहीं सरकार का कहना है कि यह शुल्क विकास के लिए जरूरी है. इसमें कुछ वर्गों को राहत भी दी गई है.
अब शपथ पत्र पर 50 रुपये के बजाय 200 रुपये और संपत्ति खरीद के एग्रीमेंट पर 1000 के बदले 5000 रुपये का स्टाम्प लगेगा. इतना ही नहीं रजिस्ट्री अधिनियम में बदलाव किया गया है. इसके बाद अब होम लोन, कृषि ऋण खत्म होने पर बैंक को दस्तावेज ऑनलाइन भेजने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके बाद अब पक्षकार को अब रजिस्ट्री दोबारा कराने की जरूरत नहीं होगी. अब पूरी प्रोसेस ई-फाइलिंग के जरिए की जाएगी. इसके लिए रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 की धारा 17 में बदलाव कर डीगंज की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है.
100 से 500 फीसदी तक शुल्क बढ़ाया
दस्तावेज पहले अब बढ़ोतरी
शपथ पत्र के लिए 50 200 300%
अमल संपत्ति के लिए एग्रीमेंट (बिना कब्जा) 1000 5000 400%
50 लाख तक का एग्रीमेंट 500 1000 100%
सहमति विलेख (कंसेंट डीडी) 1000 5000 400%
रजिस्ट्री में सुधार 1000 5000 400%
रिवॉल्वर, पिस्टल लाइसेंस 5000 10,000 100%
शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण 2000 5000 150%
सहोदारी बिलेख (पार्टनरशिप डीड) 2000 5000 150%
पावर ऑफ अटॉनी (सिंगल ट्रांजेकान) 1000 2000 100%
पॉवर ऑफ अटॉनी (अधिक ट्रांजेक्शन) 1000 5000 500 %
यह हुआ संशोधन
एफीडेविट में 50 रुपये की जगह पर 200 रुपये स्टांप शुल्क
रेंट एग्रीमेंट में 500 रुपए की जगह पर 1000 का स्टांप शुल्क
प्रॉपर्टी एग्रीमेंट में 1000 की जगह 5000 का शुल्क
शस्त्र लाइसेंस पर 5 हजार की बजाए 10 हजार का स्टांप शुल्क
कांग्रेस बोली- जनता पर बढ़ेगा महंगाई का बोझ
कांग्रेस का कहना है कि सरकार
जनता पर महंगाई का बोइन डाल रही है. उनको फिजूलखर्ची पर ध्यान नहीं है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बार-बार कर्ज के कारण 80 करोड़ रुपये सरकार को ब्याज चुकाना पड़ रहा है. तो वहीं बीजेपी का कहना है कि 64 में से सिर्फ 12 मामलों में स्टाम्प शुल्क बदला गया है. 11 साल बाद यह बदलाव किए जा रहे हैं. इससे 212 करोड़ का सालाना राजस्व बढ़ेगा. इतना ही नहीं डीमर्गिलिंग प्रक्रिया हटाने से रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ कम होगी.
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