37 लाख का कर्ज, कैंसर और संघर्ष… अब 8 करोड़ से अधिक का टर्नओवर, जानें बाड़मेर के मेघराज की Success Story

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Barmer Youth Success Story: राजस्थान के बाड़मेर जिले के मेघराज खत्री ने कैंसर, पिता की बीमारी और 37 लाख के कर्ज जैसी कठिनाइयों से जूझते हुए हार नहीं मानी. पारंपरिक अजरख प्रिंट को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और अब…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • बाड़मेर के मेघराज ने संघर्ष से हासिल की सफलता
  • अजरख प्रिंट के जरिए मेघराज बने सफल उद्यमी
  • पांच फैक्ट्री के मालिक मेघराज का 8 करोड़ है सालाना टर्नओवर
बाड़मेर. राजस्थान के सीमांत जिले बाड़मेर के मेघराज खत्री की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. एक वक्त था जब जिंदगी ने हर मोर्चे पर उन्हें झकझोर दिया. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी, पिता को लकवा और सिर पर 37 लाख रुपये का कर्ज.  लेकिन, आज वही मेघराज अपनी मेहनत और धैर्य से सालाना 8 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा कर चुके हैं. मेघराज को कैंसर के इलाज में समय और पैसे दोनों की भारी कीमत चुकानी पड़ी.

इससे पहले मेघराज पर एक और चोट आई जब पिता को लकवा मार गया. घर की जिम्मेदारी, इलाज और आजीविका तीनों का बोझ उन पर आ गया तो कर्ज लेना पड़ा. रिश्तेदारों और दोस्तों से लिया कर्ज धीरे-धीरे 37 लाख तक पहुंच गया. कभी-कभी तो हालात ऐसे थे कि दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया था. लेकिन मेघराज ने हार नहीं मानी और अब खुद की 5 फैक्ट्रियों से सालाना 8 करोड़ रुपये टर्न ओवर हो रहा है.

विदेश में भी फेमस है बाड़मेर का अजरख प्रिंट

बारहवीं करने के बाद पिता के प्रिंट उद्योग में मेघराज ने खुद को झोंक दिया और आज बाड़मेर के करोड़पति लोगों में वह शुमार हो चुके हैं. आज उनके उत्पाद विदेशों में भी खूब पसंद किए जाते हैं. यही उनका टर्निंग पॉइंट बना और इस पारंपरिक कला को उन्होंने नए बाजारों और डिज़ाइनों से जोड़ दिया. दरअसल, मेघराज खत्री 35 साल से अजरख प्रिंट का काम कर रहे हैं. इससे पहले उनके पिता उम्मेदाराम खत्री साल 1974 से यह काम रहे थे. पिता के साथ काम करते-करते मेघराज का भी इसी में मन लग गया. मेघराज खत्री के मुताबिक उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि महज 12वीं पास होने के बाद दुनिया मुझे सफल उद्यमी के रूप में देखेगी.

मेघराज बताते हैं कि उनके यहां के उत्पाद साड़ी, कुर्ता, स्टॉल, शर्ट, दुप्पटा और बेडशीट फेब इंडिया, मंत्रा, जबॉन्ग प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर डॉट कॉम, दी शॉप, रिलायंस ब्रांड के साथ विदेशों में भेजे जाते हैं. खासकर सात समंदर पार इसकी डिमांड रहती है. मेघराज के पास वर्तमान में 5 फैक्ट्रियां हैं, जिनसे उन्हें अच्छा मुनाफा होजाता है. आज उनके पास एक दर्जन से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं. बाड़मेर जैसे सीमांत जिले से निकलकर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि हालात कैसे भी हों अगर जिद हो तो जीत पक्की है.

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37 लाख कर्ज, कैंसर और संघर्ष के बाद 8 करोड़ का कारोबार, जानें मेघराज की कहानी

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