सीहोर में पिछले दो दिन में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम आए 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जिसके बाद सत्ताधारी दल भाजपा से लेकर कांग्रेस के विधायकों ने इस तरह के आयोजन पर सवाल उठाए हैं। सरकार ने मौतों की जांच कराने की बात कही है।
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पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने पंडित प्रदीप मिश्रा को रुद्राक्ष वितरण बंद करने की नसीहत दी है। इतना ही नहीं उन्होंने सरकार से पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। वहीं राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कुबेरेश्वर धाम आए लोगों की मौतों को लेकर न्यायिक जांच कराने की बात कही है।
बता दें कि बुधवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीहोर की सीवन नदी से कुबेरेश्वर धाम तक 11 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा निकाली। इस आयोजन में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने का दावा किया गया। एक दिन पहले ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
मंगलवार को कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई। जबकि बुधवार को अलग-अलग कारणों से अलग-अलग जगहों पर तीन श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया। जबकि 3-4 श्रद्धालु घायल हुए हैं।
मंगलवार को भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की हुई मौत मंगलवार को कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान मची भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हुई थी। उनकी पहचान बुधवार को हुई है। मृतकों के नाम..
- जसवंती बेन (उम्र 56 वर्ष) पति चंदू भा, निवासी, ओम नगर राजकोट गुजरात
- संगीता गुप्ता (उम्र 48 वर्ष) पति मनोज गुप्ता, निवासी फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश
बुधवार को इन श्रद्धालुओं की हुई मौत
- चतुर सिंह (उम्र 50 वर्ष) पिता भूरा पांचवल, निवासी गुजरात – बताया जा रहा है कि चतुर सिंह की दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल के पीछे स्थित आनंद होटल के पास अचानक तबीयत बिगड़ गई। वे खड़े-खड़े गिर गए। जिससे उनकी मौत हो गई।
- ईश्वर सिंह (उम्र 65 वर्ष) पिता मवासीराम यादव, निवासी, रोहतक हरियाणा – बताया जा रहा है कि ईश्वर सिंह की शाम करीब 4 बजे कुबेरेश्वर धाम में तबीयत बिगड़ गई। वे अचानक चक्कर आने से गिर गए, जिससे उनकी मौत हो गई।
- दिलीप सिंह (उम्र 57 वर्ष) निवासी रायपुर छत्तीसगढ़ – दिलीप सिंह को बुधवार शाम करीब सवा 7 बजे कुबरेश्वर धाम से जिला अस्पताल लाया गया। बताया जा रहा है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है।
ये श्रद्धालु हुए घायल
- सुनीता, निवासी हरियाणा – सुनीता नाम की एक महिला कावड़ ले जाते समय भोपाल-इंदौर हाईवे पर गिरने से घायल हो गई।
- पूजा सैनी, निवासी मथुरा – कुबेरेश्वर धाम में मथुरा से आई पूजा सैनी नाम की महिला भी गिरने से जख्मी हो गई।
- मनीषा, निवासी नागपुर – नागपुर की मनीषा भी अचानक धाम में पास बेहोश हो गई। इन्हें अस्पताल लाया गया है।

रुद्राक्ष वितरण बंद करे पंडित प्रदीप मिश्रा पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजन पर सवाल उठाए। उन्होंने पंडित मिश्रा से कहा कि रुद्राक्ष बांटना बंद करो। उन्होंने शासन से भी रुद्राक्ष वितरण पर अंकुश लगाने और हादसे रोकने की मांग की है।

भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने उठाए सवाल कुसुम महदेले के ट्वीट का बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों ने भी समर्थन किया है। पढ़िए किसने क्या कहा-
कंचन तन्वे, खंडवा से भाजपा विधायक- प्रदीप मिश्रा जी से हम यही कहेंगे कि आप कथा करो, ये रुद्राक्ष मत बांटो। क्योंकि रुद्राक्ष बांटने के चक्कर में कई लोगों की ऐसे जान चली जाती है। लोग भगदड़ मचाते हैं। लोग कथा सुनें, लोगों को और आने वाली पीढ़ी को ज्ञान मिले।
राजेन्द्र कुमार सिंह, अमरपाटन से कांग्रेस विधायक- कुसुम महदेले बहुत वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनके विचार से पूर्णत: सहमत हूं धर्म में ये आडंबर नहीं होना चाहिए। धर्म ज्ञान सिखाता है आदमी को अच्छा इंसान बनना सिखाता है। धर्मगुरुओं का यही काम होना चाहिए कि लोगों को अच्छा इंसान बनाए।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने निकाली 11 किमी की कांवड़ यात्रा सीहोर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बुधवार को भव्य कांवड़ यात्रा निकाली। शहर की सीवन नदी से शुरू हुई ये यात्रा 11 किलोमीटर चलकर कुबेरेश्वर धाम पहुंची तो हेलिकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसाए गए। दावा किया जा रहा है कि इस कांवड़ यात्रा में शामिल होने देशभर से करीब ढाई लाख श्रद्धालु सीहोर पहुंचे।
मंगलवार देर रात से ही यहां इंदौर-भोपाल हाईवे पर लंबा जाम लग गया। बुधवार रात तक भी वाहन रेंगते नजर आए।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने बुधवार को कहा, शिव पुराण के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं। इस मास में पूजन, उपवास और सेवा का विशेष फल मिलता है। कलयुग में यह शिव युग की वापसी का प्रतीक है।

कांवड़ यात्रा पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए।
श्रद्धालु बोले- भीड़ है, लेकिन आनंद भी आ रहा एक श्रद्धालु बोलीं, हम 7-8 लोग कांवड़ यात्रा में आए हैं। भीड़ तो इतनी है कि पैर रखने की जगह नहीं है। यहां आने-जाने वाली गाड़ियों में लोग खचाखच भरे हुए हैं। इन गाड़ियों में सांस तक ले पा रहे। लेकिन यहां पहुंचकर कुबेरेश्वर धाम के दर्शन किए। इतना भव्य आयोजन देखकर आनंद आ रहा है।
कुबेरेश्वर धाम की कांवड़ यात्रा की तस्वीरें…

कावड़ यात्रा देखने के लिए लोग पेड़ पर चढ़ गए।

11 किलोमीटर तक चली कांवड़ यात्रा में हनुमान जी की झांकी भी शामिल रही।

मंगलवार रात की तस्वीर। एक दिन पहले ही यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए थे।

कांवड़ यात्रा में भगवान शिवजी की झांकियां चल रही थी। श्रद्धालु नाचते-गाते आगे बढ़ रहे थे।

बुधवार को कई किलोमीटर तक छोटे-बड़े वाहन जाम में फंस रहे।

जहां से रूट डायवर्ट किया गया है, वहां भी वाहन रेंगते नजर आए।
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